Friday, May 3, 2024
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चोर गिरोह की इन चोरनियों के गैंग से सावधान! सज संवरकर करती हैं शिकार, इस अंदाज से रह जायेंगे हैरान

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नई दिल्ली। चोर गिरोह की चोरियों और चोरों के किस्से आपने बहुत सुने होंगे। कभी चोरी करने के तरीके, तो कभी चोर के अंदाज को देखकर आप हैरान भी हुए होंगे। लेकिन, अब जिन चोरों नहीं नहीं चोरनियों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, वो शायद ही आपने पहले कभी देखा या सुना होगा। इनकी चोरी का तरीका ऐसा है कि पुलिस के बड़े-बड़े अफसर भी सोच में पड़ गए। चोरी की रकम को छिपाने की तरकीब तो ऐसी गजब कि तलाशने में ही पसीने निकल जाएं। चोरनियों के इस गैंग में एक से एक शातिर महिलाएं हैं, ऐसे बच्चे हैं, जो चोरी में बड़ों-बड़ों को पीछे छोड़ दें।

जब दिल्ली पुलिस की टीम चोरनियों के खूबसूरत गैंग की तलाश में मध्य प्रदेश के एक गांव में पहुंची, तो पता चला कि इन चोरों को खोजने वाले वो अकेले नहीं हैं। बल्कि, कुछ और राज्यों की पुलिस भी इनकी तलाश में इस गांव का कोना-कोना खंगाल रही है। इस गैंग का पर्दाफाश उस वक्त हुआ, जब दिल्ली पुलिस ने गोमती और नरगिस नाम की दो महिलाओं को पकड़ा। इनसे हुई पूछताछ में चोरी करने वाले इस गैंग की जो कहानी सामने आई, वो कुछ इस तरह है।

52 साल की गोमती और 40 साल की नरगिस मध्य प्रदेश के राजगढ़ गांव में रहती हैं। वो महीने में दो बार बस पकड़कर दिल्ली आती हैं। इसके बाद उनके निशाने पर होते हैं, साउथ दिल्ली के बैंक और एटीएम कियोस्क। यहां ये दोनों उन लोगों को अपना शिकार बनाती हैं, जो बैंक से मोटी रकम का लेन-देन करते हैं। इनमें से एक का काम था रुपयों के मालिक का ध्यान भटकना, और जेसे ही ध्यान भटकता दूसरी तुरंत रकम उड़ा लेती। रकम चोरी करने के बाद दोनों बस पकड़कर सीधे अपने गांव लौट जाती हैं और एकदम नॉर्मल लोगों की तरह रहने लगती हैं।

सीसीटीवी में दिखाई दी थी पर्स चुराते हुए

ये दोनों कपड़े भी ऐसे सामान्य पहनकर आती थीं कि देखने में गांव की भोली-भाली महिलाएं लगें। कभी-कभी उनके साथ बच्चे भी होते थे, ताकि किसी को उनके ऊपर शक ना हो। इस गैंग में गोमती और नरगिस की तरह और भी महिलाएं हैं। जो अलग-अलग शहरों के लिए निकलती हैं और काम पूरा होने के तुरंत बाद अपने गांव लौट आती हैं। गांव पहुंचकर इनका गैंग दूसरी महिलाओं को तलाशता है और फिर उन्हें चोरी के लिए ट्रेंड करता है।

गैंग में बच्चे भी शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शादी के सीजन में चोरी के लिए किया जाता है। उन्हें मेहमानों की भीड़ के बीच से रुपयों और गहनों पर हाथ साफ करने के गुर सिखाए जाते हैं। गैंग की महिलाएं हर तरह के बैग को खोलने में माहिर हैं। पूछताछ में जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात सामने आई, वो है बैग की जिप खोलने की कला। ये महिलाएं केवल नाखून से चंद सेकंड के भीतर किसी भी बैग की जिप खोल सकती हैं। पुलिस अधिकारियों ने जब चेक करने के लिए इन्हें कुछ बैग दिए, तो इन्होंने चुटकियों में उन्हें खोल दिया। अपने खाली समय में वो अलग-अलग तरह के बैग खोलने की प्रैक्टिस भी करती हैं।

अगर ये महिलाएं कभी पकड़ी भी जातीं, तो भोली बनने का नाटक करतीं। कभी-कभी अपने बच्चों को भी ढाल बनाकर आगे कर देतीं। लेकिन, इन सब बातों से अलग इस गैंग की जो सबसे बड़ी खासियत है, वो है चोरी की रकम को ठिकाने लगाना। पुलिस इंस्पेक्टर धीरज महलावत ने बताया कि चोरी किए गए कैश को तलाशना सबसे मुश्किल काम था। ये लोग उस रकम को गांव पहुंचकर जमीन, घर या कोई दुकान खरीदने में लगा देते थे। पुलिस इस गैंग की तलाश में जब राजगढ़ गई, तो पता चला कि अलग-अलग राज्यों की पुलिस भी इन्हें तलाशने के लिए गांव में मौजूद है।

गैंग के सदस्यों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी गई थी कि अगर वो पकड़े जाते हैं, तो पुलिस को बाकी लोगों के बारे में नहीं बताएंगे। पुलिस ने बताया कि ये चोरों का एक ऐसा गैंग है, जिसके मेंबर काफी रईस हैं। इनके लिए ये सब एक बिजनेस जैसा है। गोमती और नरगिस पुलिस के शिकंजे में उस वक्त आईं, जब 27 मार्च को मालवीय नगर के एक शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में उसने बताया कि वो मालवीय नगर के एक बैंक में था, जब उसके बैग से किसी ने 2.5 लाख रुपये चुरा लिए।

पुलिस ने छानबीन की तो महिला चोरों के इस गैंग का पता चला। इसके बाद 1 मार्च को पुलिस ने प्रेस एंक्लेव रोड से इन्हें गिरफ्तार कर लिया। चोरी की गई रकम से 2.1 लाख रुपए भी पुलिस ने बरामद कर लिए। पुलिस अब गैंग के बाकी लोगों की तलाश में जुटी है।

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