रोहतक : सुप्रीम कोर्ट की बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) यानि भारतीय विधिक परिषद ने रोहतक के सीनियर एडवोकेट सर्वजीत सांगवान को पेशेगत दुराचार का दोषी करार दिया है।
परिषद ने एडवोकेट सर्वजीत सांगवान पर 25 हजार का जुर्माना भी ठोका है और जुर्माना अदा न करने की सूरत में उनका वकालत का लॉयसैंस सस्पैंड (निलंबित) करने की चेतावनी भी दी है ।
ग़ौरतलब है कि बीसीआई ने यह फ़ैसला एडवोकेट सर्वजीत सांगवान की मुवक्किल मीनाक्षी देवी पुत्री चमेली देवी और राजरूप कटारिया की शिकायत पर लंबी सुनवाई और गहन जांच के बाद लिया है।
बीसीआई की अनुशासनात्मक समिति (डिसीपलीनरी कमेटी) के चेयरमैन एडवोकेट श्री डीके शर्मा , सदस्य एडवोकेट श्री वेदप्रकाश शर्मा और एडवोकेट अजय मालवीय ने अपने फ़ैसले में कहा है कि एडवोकेट सर्वजीत सिंह सांगवान अपनी पेशेगत ज़िम्मेदारी सही ढंग से निभाने में असफल रहे और समिति उन्हें प्रोफेशनल दुराचरण का दोषी करार देती है।