कुरुक्षेत्र : हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश में परिवर्तन लाने व नए युग का सूत्रपात करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का अहम् योगदान होगा। यह शिक्षा नीति देश में एक नई चेतना और क्रान्ति पैदा करेगी जिससे वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन सकेगा।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन विकसित भारत 2047 की दिशा में’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, एनसीटीई के चैयरमेन प्रो. पंकज अरोड़ा, एचएसएचईसी के चैयरमेन प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, एनसीटीई की सदस्य सचिव अभिलाषा झा मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित किया व एनसीटीई के ध्येय गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
राज्यपाल बंडारू दत्तोत्रय ने कहा कि शिक्षा राष्ट्र की आत्मा होती है। यदि हम 2047 तक एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और वैश्विक नेतृत्व वाला भारत बनाना चाहते हैं, तो शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगी। आज गीता स्थली कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक धरती से शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन के नए युग का सूत्रपात कर रहे हैं, जो विकसित भारत 2047 के सपने की ओर एक निर्णायक कदम है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का संचारक नहीं होता, वह चरित्र निर्माण का शिल्पकार भी होता है। शिक्षक के शब्द विद्यार्थी के भविष्य को आकार देते हैं, उसकी सोच को दिशा देते हैं, और उसमें नवाचार व सेवा की भावना का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में तैयार की गई नई शिक्षा नीति-2020 इसी दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को समावेशी, बहु-विषयी, गुणवत्तापूर्ण और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों से अपील है कि शिक्षक एक ’डिजिटल ज्ञान बैंक’ बनकर विद्यार्थियों को तकनीकी नवाचारों से जोड़े और विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को पूर्ण करने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि देश और समाज के भविष्य का निर्माण करने के लिए एक अच्छे शिक्षक की जरूरत है। एक अच्छे शिक्षक को तैयार करने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन अहम् भूमिका अदा करेगा।
एनसीटीई के चेयरपर्सन प्रो. पंकज अरोड़ा ने कहा कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से ही एनसीटीई की तरफ से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस सम्मेलन का विषय भी शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन विकसित भारत 2047 की दिशा रखा गया है। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में दो दिन शिक्षाविद् और विद्वानजन मिलकर शिक्षा और देश की भावी पीढ़ी विद्यार्थियों को शिक्षित और संस्कारित करने वाले एक अच्छे शिक्षक का निर्माण करने पर चर्चा की जाएगी। आज एनसीटीई परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। आज उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षक की निहायत जरूरत है।
इस अवसर पर समस्कृत प्रमोशन फाउंडेशन के निदेशक प्रो. सीके सलूजा, कुलपति प्रो. सुदेश छिकारा, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के विश्वविद्यालयों एवं संस्थान के कुलपति एवं निदेशकों सहित ने भाग लिया।