नई दिल्ली। हांगझोउ में चल रहे एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद में से एक बजरंग पुनिया को सेमीफाइनल मैच में बुरी तरह हार मिली है। पूरे मुकाबले के दौरान बजरंग कही से भी लय में नहीं लग रहे थे। बजरंग का कोई भी दांव फिट नहीं बैठा। वह एक के बाद एक लगातार प्वाइंट गंवा रहे थे। नतीजतन उनको हार मिली। हालांकि, बजरंग अब कांस्य पदक के लिए खेलेंगे। जहां उनका मुकाबला संभवत: जापान के काइकी यामागुची से होगा। उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग बुरी तरह भड़क उठे। पिछले एशियाई खेलों के चैम्पियन बजरंग इन खेलों में भाग लेने से पहले किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था।
रेसलर बजरंग पुनिया को रेसलिंग के 65 किलोग्राम भार वर्ग में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। ईरान के रहमान अमौजदखलीली के आगे वह किसी बच्चे की तरह दिख रहे थे। ईरानी पहलवान ने पहले ही राउंड में 4 पॉइंट्स की बढ़त बनाई और फिर दूसरे राउंडर में बढ़त को 8-0 कर दिया। हालांकि, यहां एक पॉइंट बजरंग ने जरूर लिया, लेकिन यह जीत के लिए काफी नहीं था। अब वह रेपेचेज में उतरेंगे और ब्रॉन्ज मेडल जीत सकते हैं। यहां उनका मुकाबला हमवतन अमन सहरावत से होगा।
रेसलिंग संगठन और पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लंबा मोर्चा संभालने वाले बजरंग से अभी भी पदक की उम्मीद है। जब वह मैट पर उतरे तो माना जा रहा था कि वह इस मैच को जीतकर भारत को एक और गोल्ड दिलाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पहले राउंड में ही वह बुरी तरह पिछड़ते नजर आए। ईरानी पहलवान हमलावर था। वह फ्रंट फुट पर खेल रहा था, दूसरी ओर बजरंग थोड़े थके नजर आए। वह 0-4 से पिछड़ गए।
दूसरे राउंड में इस गैप को भरने की उम्मीद थी। लेकिन ईरानी पहलवान ने एक बार फिर 4 पॉइंट्स लेकर अपनी बढ़त 8-0 कर दी। यहां से वापसी करना बेहद मुश्किल था। बजरंग ने कोशिश की और एक पॉइंट लिया, लेकिन यह जीत के लिए नाकाफी था। आखिरकार ईरानी पहलवान 8-1 से जीतने में कामयाब रहा। वह फाइनल में पहुंच गया है तो बजरंग को रेपेचेज में जाने का मौका मिल गया है। अब उम्मीद है कि बजरंग यहां जीतकर ब्रॉन्ज मेडल भारत को दिलाएंगे।
विशाल कालीरमण ने 65 किग्रा का ट्रायल जीता था, लेकिन इस वर्ग में उन्हें स्टैंडबाई रखा गया था। उनके परिवार तथा कई पंचायतों का मानना था कि बजरंग को ट्रायल के बिना इन खेलों में मौका नहीं मिलना चाहिए था। पिछले एशियाई खेलों के चैम्पियन बजरंग इन खेलों में भाग लेने से पहले किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था। वह ‘लेग डिफेंस’ की अपनी खामी को दूर करने की कोशिश कर रहे थे। किर्गिस्तान में 18 दिनों के अभ्यास और प्रशिक्षण सत्र से उन्हें लगभग कोई फायदा नहीं मिला।
दूसरी ओर, पुरुष 57 किग्रा वर्ग में अमन सहरावत ने कोरिया के किम सुंगवोन के खिलाफ 6-1 की आसान जीत के साथ क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। क्वार्टर फाइनल में ईरान के इब्राहित मेहदी खारी के खिलाफ अमन एक समय 1-8 से पिछड़ रहे थे लेकिन जोरदार वापसी करते हुए तकनीकी दक्षता के आधार पर जीत दर्ज करने में सफल रहे। अमन ने लगातार 18 अंक जुटाए जो उनकी मजबूती और तकनीकी कौशल को दिखाता है। सेमीफाइनल में जापान के तोशिहिरो हासेगावा ने 6-1 की बढ़त बनाई।
अमन ने इसके बाद लगातार चार अंक जुटाए और ऐसा लग रहा था कि वह एक बार फिर वापसी करते हुए जीत दर्ज करेंगे लेकिन अंतत: जापान के खिलाड़ी ने 12-10 से मुकाबला अपने नाम किया। सोनम को शुरुआती दो दौर में अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा। उन्होंने नेपाल की सुशीला चंद और कंबोडिया की नोएर्न सोएर्न के खिलाफ एक मिनट से भी कम समय में तकनीकी दक्षता से जीत दर्ज की। सेमीफाइनल में हालांकि उत्तर कोरिया की ह्योंगयोंग मुन ने सोनम को चित्त किया और भारतीय खिलाड़ी एक भी अंक नहीं जुटा सकी।
महिला 76 किग्रा वर्ग में किरन को पहले दौर में बाई मिली और फिर उन्होंने जापान की नोडोका यामोमोटो को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां कजाखस्तान की जामिला बाकबेरजिनोवा ने उन्हें चित्त किया। शुक्रवार को राधिका (68 किग्रा) एकमात्र भारतीय पहलवान रहीं जो पदक दौर में जगह नहीं बना सकी।
एशियन गेम्स में 6 अक्टूबर को कुश्ती में भारत का प्रदर्शन
बजरंग पुनिया: सेमीफाइनल में हारे: कांस्य पदक मुकाबले के लिए खेलेंगे
अमन सहरावत: सेमीफाइनल में हारे: कांस्य पदक मुकाबले में खेलेंगे
सोनम मलिक: सेमीफाइनल में हार गईं: कांस्य पदक मुकाबले में खेलेंगी
किरण: सेमीफाइनल में हार गईं: कांस्य पदक मुकाबले में खेलेंगी
राधिका: राउंड 1 में एलिमनेट