Maha Kumbh Viral Video : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ के दौरान एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बाबा ने इंटरव्यू लेने वाले शख्स की चिमटे से पिटाई कर दी। इस घटना ने मेले में मौजूद लोगों के साथ-साथ इंटरनेट यूजर्स का भी ध्यान खींचा है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
महाकाल गिरी बाबा, जो पिछले 9 वर्षों से अपना एक हाथ ऊपर उठाकर तपस्या कर रहे हैं, इस मेले का प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं। बाबा एक इंटरव्यू दे रहे थे, जब उनसे कुछ ऐसे सवाल पूछे गए जो उन्हें पसंद नहीं आए। हालांकि, शुरुआत में बाबा ने संयम रखा, लेकिन सवालों से नाराज होकर उन्होंने अपना चिमटा उठा लिया और शख्स पर हमला कर दिया।
भीड़ ने देखा तमाशा, लोग भागने को मजबूर
वीडियो में साफ दिखाई देता है कि बाबा सवाल सुनते ही भड़क गए। उन्होंने चिमटे से शख्स पर कई वार किए। स्थिति बिगड़ते देख वहां मौजूद लोग डर के मारे भागने लगे। बाबा ने गुस्से में कहा कि ऐसे सवाल नहीं पूछने चाहिए जो उनकी तपस्या और सिद्धि पर सवाल खड़े करें।
महाकुंभ में कवरेज करने आये युट्यूबरो को मुश्किलें ज्यादा होगी!
अपने चैनल के रीच को बढ़ाने के चक्कर मे फालतू सवाल पूछेगे बाबा जी लोग चिमटे से ठोक पीट कर सही कर देंगे।🤣 pic.twitter.com/vk4WsJMRcB
— Suresh Singh (@sureshsinghj) January 12, 2025
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
एक यूजर ने लिखा, “यूट्यूबर्स ने बाबा को परेशान कर दिया है। अब मेले में श्रद्धालुओं से ज्यादा यूट्यूबर्स नजर आते हैं।”
दूसरे यूजर ने टिप्पणी की, “बाबा ने सही किया। सनातन संस्कृति के प्रति असम्मान दिखाने वालों को ऐसा ही जवाब मिलना चाहिए।”
वहीं, कुछ लोगों ने इस घटना को लेकर चिंता भी जताई कि संतों और श्रद्धालुओं के बीच इस तरह की घटनाएं मेले की गरिमा को प्रभावित कर सकती हैं।
महाकुंभ का आकर्षण और विवाद
महाकुंभ 2025 में हजारों साधु-संत अपने योग, तप और सिद्धियों के लिए चर्चा में हैं। इस बीच, महाकाल गिरी बाबा जैसे संत जहां आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, वहीं ऐसी घटनाएं मेले की सुरक्षा और मीडिया कवरेज पर सवाल खड़े कर रही हैं।
क्या कहना है आयोजकों का?
मेले के आयोजकों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए यूट्यूबर्स और कंटेंट क्रिएटर्स को गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए। इसके अलावा, संतों से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता बनाए रखने की अपील की गई है।
महाकुंभ एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, लेकिन ऐसी घटनाएं इसे विवादों में घसीट सकती हैं। इसलिए, श्रद्धालुओं, मीडिया और साधु-संतों को एक-दूसरे के प्रति सम्मान और संयम बनाए रखना जरूरी है।