रोहतक सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू) के नेतृत्व में आशा वर्कर, मिड डे मील वर्कर्स, क्रैच वर्कर एवं हेल्परो ने सैकड़ो की संख्या में हरियाणा सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर लघु सचिवालय पर विशाल प्रदर्शन किया।उन्होंने प्रदर्शन करते हुए केंद्र व राज्य सरकार के नाम अलग-अलग यूनियनों ने अपने लिखित मांग पत्र नायब तहसीलदार के माध्यम से सौंपे।
प्रदर्शन से पहले एकत्रित हुई परियोजना कर्मियों को संबोधित करते हुए सीटू जिला सचिव कामरेड विनोद,सहसचिव प्रकाश चंद्र और कोषाध्यक्ष धर्मवीर हुड्डा ने कहा की अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो मजदूर वर्ग इस बार आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगा ।
प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू जिला प्रधान कमलेश लाहली, जिला उपप्रधान अनीता भाली, राजबाला और पिंकी ने संयुक्त रूप से किया। विरोध प्रदर्शन को सीटू जिला उप प्रधान रामचंद्र सिवाच,मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की जिला सचिव रीना, आशा वर्कर्स यूनियन की जिला सचिव, सोनिया क्रेच वर्कर एंड हेल्पर यूनियन की कौशल्या, भवन निर्माण कामगार यूनियन के नेता रामभगत, सत्यनारायण, रविंद्र ने संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार तुरंत उनकी मांगों का समाधान करें।
प्रदर्शन के दौरान ऐलान किया कि अगर समय रहते हरियाणा सरकार ने गंभीरता से मांगों को नहीं लिया तो आगामी 21 जुलाई 2024 को हरियाणा के श्रम मंत्री का घेराव किया जाएगा, 28 जुलाई को हरियाणा के शिक्षा मंत्री का घेराव किया जाएगा, 19 जुलाई को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री का घेराव हिसार के अंदर किया जाएगा।
उठाई ये मुख्य मांगें –
1- मजदूर विरोधी लेबर कोड तुरंत रद्द करो।
2-सभी आशा वर्कर्स, मिड डे मील वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर, क्रैच वर्क्स, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों, ग्रामीण चौकीदारों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो और न्यूनतम वेतन मासिक 26000 रुपए लागू करो।
3-राज्य सरकार तुरंत हरियाणा के मजदूरों का न्यूनतम वेतन रिवाइज करें और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का न्यूनतम वेतन एक किया जाए दिल्ली का न्यूनतम वेतन वर्तमान समय में मासिक 21000रू है जबकि हरियाणा में मात्र 10000रू है इसलिए मजदूरों के साथ अन्याय बंद करो एनसीआर में एक जैसा न्यूनतम वेतन लागू करो।
4-सभी स्कीम वर्क्स पर ऑनलाइन काम का दबाव कम करो और समय पर उनके मानदेय का भुगतान करो, बगैर प्रथा पर रोक लगाओ, हर कार्य के लिए इंसेंटिव निर्धारित करो।
5-हड़ताल के दौरान का समझौते अनुसार आशा वर्कर्स का बकाया मानदेय तुरंत दिया जाए।
6-सरकारी विभागों में काम करने वाले सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए।
7- सरकारी विभागों के निजीकरण की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जाए और खाली पड़े लाखों पदों पर बेरोजगार नौजवानों की तुरंत भर्ती की जाए।
8-मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम और 700रू प्रतिदिन दिया जाए।
9-नई पेंशन स्कीम रेड करो और पुरानी पेंशन स्कीम लागू करो।
10-सभी स्कीम वर्क्स की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए।
11-सभी मजदूरों को गुजारे लायक न्यूनतम10000 रू मासिक पेंशन दी जाए।