Friday, October 18, 2024
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मानो सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को नहीं, लोकतंत्र को दिया बेल

अभूतपूर्व घटना है चुनाव प्रचार के लिए बेल

नई दिल्लीः चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली के तिहाड़ी मुख्यमंत्री एवं आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अंतरिम बेल देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों के रुख को देखकर बेहद लोकप्रिय फिल्म Jolly L L B (जाली एलएलबी वन) की याद आ गई। भले ही फिल्म का स्क्रिप्ट एकदम अलग हो, जजों के तेवर विल्कुल फिल्म में अक्खड़ जज की भूमिका निभा रहे सौरभ शुक्ला से मिलते जुलते हैं। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस बेल को रोकने के लिए अपने तमाम घोड़े खोल लिए लेकिन जजों का अंदाज फिल्म के जज के डायलाग जैसे ही थे- ‘आप कुछ भी तर्क दो, आज तो अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार के लिए तिहाड़ से बाहर जाएंगे।‘

मजे की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी। उन्हें 2 जुलाई को फिर जेल जाना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा वे इस बीच सिर्फ चुनाव प्रचार ही कर सकते हैं। न वे सचिवालय अपने आफिस जा सकेंगे, न मुख्यमंत्री की हैसियत से किसी आर्डर पर साइन कर सकेंगे और न ही अपने भाषण में अपने केस पर ही कुछ बोल सकेंगे। ऐसा लग रहा है मानो सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को नहीं बल्कि लोकतंत्र को बेल दिया हो। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी दिल्ली एक्साइज पालिसी के तहत हुए मनी लांडरिंग घोटाले में नाम आने की वजह से तिहाड़ में हैं।

बहरहाल, ईडी के रुख से यह साफ था कि भाजपा कतई नहीं चाहती थी कि अभी चल रहे लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की कतई एंट्री हो और प्रधानमंत्री मोदी के हैट्रिक की राह में वह कोई बाधा बने। केजरीवाल के निकलने से 25 मई को होने वाले दिल्ली के 7 लोकसभा चुनावों के परिणाम पर भारी प्रभाव की संभावना जताई जा रही है। अभी दिल्ली के सभी लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। केजरीवाल से जेल से निकलने के समय जमा भारी भीड़ में कन्हैया के लोकसभा चुनाव क्षेत्र के एक आप समर्थक मनीष ने इस संवाददाता से कहा –‘अब देखना सर अरविंद केजरीवाल के झाड़ू का कमाल। कन्हैया को भी बहुत अधिक बल मिलने वाला है’।

केजरीवाल के बाहर आते ही दिल्ली में उनके समर्थकों जगह जगह ने कई तरह के पोस्टर लगा दिए हैं। एक पोस्टर में लिखा है- टाइगर इज बैक, दिल्ली का शेर वापस आ गया है।  सनद रहे कि जेनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस की तरफ से उत्तर पूर्वी दिल्ली में भाजपा के भोजपुरी गायक मोजूदा सांसद मनोज तिवारी के सामने खड़े हैं। इंडिया गठबंधन के तहत दिल्ली में आप और कांग्रेस में समझौता है।

जनता पर मोदी मैजिक की चमक की फिजा के बीच इंडिया गंठबंधन एक अरसे से यह नैरेटिव बनाने की कोशिश में लगा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तानाशाह बनने की राह पर अग्रसर हैं। बेइरादा ही सही, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से विपक्ष के इस नैरेटिव को बल मिलता दिख रहा है। अरविंद केजरीवाल ने निकलते ही कहा कि वे तानाशाही के खिलाफ जंग के लिए बाहर आए हैं। उन्होंने देश की तमाम जनता से इस जंग में मदद की अपील की।

कोर्ट ने भले अंतरिम जमानत ही दी हो लेकिन इसमें जो संदेश छिपे हैं उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। शब्दों में भले सुप्रीम कोर्ट के जजों ने ऐसा कुछ न कहा हो लेकिन यह संदेश साफ है कि सुप्रीम कोर्ट भी समझता है कि देर सवेर केजरीवाल के खिलाफ मनी लांडरिंग का आरोप टिकने वाला नहीं है।

बहरहाल, माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल के बाहर निकलने एवं प्रचार से निश्चित रूप से इंडिया गठबंधन को बल मिलेगा। एक राजनीतिक प्रेक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा- केजरीवाल कमाल के स्ट्रेटेजिस्ट हैं। उन्हें कम नहीं आंकना चाहिए। उनका प्रचार खासा असर डालने वाला है।       

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