हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में अब श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक विवादों को शीघ्र अति शीघ्र निपटाने के लिए राज्य में कुल 26 श्रम न्यायालय संचालित होंगे। इस संबंध में 12 जिलों में 12 नए श्रम न्यायालय स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि श्रम मंत्री ने श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अन्य 12 जिलों नामतः पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद, सिरसा, महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी-दादरी, फतेहाबाद एवं मेवात (नूंह) में श्रम न्यायालय स्थापित करने के लिए अपनी ओर से मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव बनवाकर भिजवाया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
विज ने बताया कि इन 12 श्रम न्यायालयों की स्थापना हेतु बुनियादी ढांचा, फर्नीचर, वाहन, पेट्रोल इत्यादि की व्यवस्था पर लगभग 12 करोड़ रुपए की राशि का खर्च आएगा।
वर्तमान में 6 जिलों में 9 श्रम न्यायालय संचालित
विज ने बताया कि वर्तमान में 6 जिलों (अंबाला में एक, पानीपत में एक, हिसार में एक, रोहतक में एक, गुरुग्राम में दो तथा फरीदाबाद में तीन) में 9 श्रम न्यायालय संचालित हैं, जबकि जिला रेवाड़ी के बावल में एक श्रम न्यायालय निर्माणाधीन है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 के बजट भाषण के अनुरूप सोनीपत में एक, झज्जर में एक, पलवल में एक तथा रेवाड़ी में एक अर्थात चार अन्य श्रम न्यायालयों को पहले ही मंजूरी प्रदान कर दी गई थी। इस प्रकार से 10 जिलों में श्रम न्यायालय की संख्या कुल 14 हो गई थी।
विज ने कहा कि वे चाहते हैं कि श्रम विभाग से संबंधित औद्योगिक विवादों को जल्द से जल्द निपटाया जाना चाहिए ताकि श्रमिकों को समय पर न्याय मिल सकें, इसलिए प्रत्येक जिला में श्रम न्यायालय स्थापित किए जा रहे हैं।