Amritsar News, सहायक चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी एवं कुत्ता नसबंदी परियोजना प्रभारी अमृतसर डॉ. रमा ने बताया कि अमृतसर प्रशासन द्वारा अब तक 17,000 आवारा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है और अमृतसर प्रशासन द्वारा एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है, जहां भी आवारा कुत्तों की समस्या हो, वे हमें कॉल कर सकते हैं और हम उन कुत्तों का इलाज और नसबंदी करवाएंगे।
डॉ. सिंह ने बताया कि उन्होंने कुत्तों के लिए भी आश्रय गृह बनाए हैं। उन्होंने अमृतसर के लोगों से अपील की कि हमें आवारा कुत्तों के प्रति प्रेम दिखाना चाहिए। अमृतसर प्रशासन को अमृतसर के लोगों के सहयोग की जरूरत है, तभी आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान हो सकता है।
अमृतसर सिविल अस्पताल में फार्मेसी अधिकारी डॉ. निशा ने बताया कि उनके यहां कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डॉ निशा ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में कुत्तों के काटने के 1300 से अधिक मामले सामने आए।
डॉ निशा ने बताया कि जनवरी माह में भी अमृतसर सिविल अस्पताल में कुत्तों के काटने के रोजाना 150 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में एंटी रेबीज टीकाकरण निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में समुचित व्यवस्था की गई है।
कुत्तों के हमलों का शिकार हुए लोगों ने हमें बताया कि अमृतसर शहर में आवारा कुत्तों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि वह रोजाना की तरह काम पर जा रहे थे, तभी एक कुत्ता उनका पीछा करने लगा और उनके पैर पर काट लिया।
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उन्होंने कहा कि वे कई बार प्रशासन से अपील कर चुके हैं कि वह तय करें कि आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान किस क्षेत्र से किया जाए। लेकिन प्रशासन कोई जवाब नहीं दे रहा है। एक दिन एक बच्चा भी कुत्तों का शिकार बन गया। बच्चे ने बताया कि वह गुड़िया चुराने जा रहा था, तभी एक आवारा कुत्ते ने आकर उस पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
अमृतसर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के बारे में अमृतसर निवासियों ने कहा कि गुरु नगरी अमृतसर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है और कुत्तों के काटने के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को आवारा कुत्तों की समस्या पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन आवारा कुत्तों का उत्पात कम नहीं होता।