रोहतक : शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के दिए इस मूल मंत्र को हमें कभी भूलना नहीं चाहिए। उनकी दी गई सीख और उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़कर ही देश व समाज तरक्की कर सकता है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज हरियाणा दलित एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि शिरकत करने पहुंचे थे।
इस मौके पर उन्होंने बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और संविधान निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया।
हुड्डा ने कहा कि उनके पिता स्व. रणबीर सिंह हुड्डा ने भी बाबासाहेब की अध्यक्षता में बतौर सदस्य संविधान निर्मात्री समिति में कार्य किया था। जिस संविधान पर बाबासाहेब की हस्ताक्षर हैं, उसपर उनके स्व. पिता के भी हस्ताक्षर हैं। यह उनके लिए गर्व का विषय है। इसीलिए संविधान और बाबासाहेब से जुड़ी स्मृतियों के साथ हमेशा हुड्डा परिवार का विशेष निजी लगाव भी रहा है।
मंडियों में गेहूं की खरीद सुचारू रूप से नहीं हो रही
कार्यक्रम के बाद हुड्डा ने यहां कई किसानों से भी बातचीत की। किसानों ने बताया कि मंडियों में गेहूं की खरीद सुचारू रूप से नहीं हो रही है। नमी का बहाना बनाकर एजेंसियां खरीद से इनकार कर रही हैं। बेमौसमी बारिश के चलते गेहूं में नमी की मात्रा बढ़ने से किसानों की परेशानियां भी बढ गई हैं। सुखी गेहूं मे भी 13 से 15 % नमी आ रही है। किसानों और आढ़तियों की ओर 12% नमी की छूट को 2% और बढ़ाकर 14% करने की मांग उठाई गई है।
हुड्डा ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए बताया कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान अक्सर किसानों को इसी तरह नमी में अतिरिक्त छूट दी जाती थी। इसके चलते किसानों को फसल बेचने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था। लेकिन बीजेपी कार्यकाल के दौरान अक्सर सरकार द्वारा मंडियों में बारदाने व तिरपाल की व्यवस्था ना करने, खरीद में देरी और समय पर उठान ना होने के चलते किसान की फसल बेमौसमी बारिश की भेंट चढ़ जाती है। ऐसे में कुदरती आपदा या सरकारी नकारेपन का खामियाजा किसानों को भुगदना पड़ता है।