केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में क्रमिक प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत कड़े प्रदूषण-रोधी उपाय लागू किए। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 401 से 450 के बीच होने पर तीसरा चरण लागू किया जाता है। बता दें कि हरियाणा के रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल समेत 14 जिले NCR में आते हैं।
सीएक्यूएम की उप-समिति की ओर से आईएमडी और आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए वायु गुणवत्ता और मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की समीक्षा के आधार पर वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए ग्रेप के चरण-तीन की सभी कार्रवाइयों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। तीसरे चरण के प्रतिबंधों में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य पर रोक और पत्थर तोडऩे वाली मशीनों तथा खनन गतिविधियों पर रोक शामिल हैं। यह ग्रैप के पहले और दूसरे चरण के तहत उठाए गए उपायों के अतिरिक्त हैं।
ये हैं ग्रेप चरण-तीन के तहत लागू प्रतिबंध …..
ग्रेप तीन के तहत सड़कों की मशीनीकृत व वैक्यूम आधारित सफाई को तेज करना। सड़कों व हॉटस्पॉट क्षेत्रों में पानी का नियमित छिडक़ाव एवं एकत्रित धूल का उचित निपटान सुनिश्चित करना। सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बढ़ाई जाएं और ऑफ-पीक यात्रा को प्रोत्साहित करना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ग्रेप-तीन के तहत एनसीआर में निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। धूल एवं प्रदूषण उत्पन्न करने वाली सभी निर्माण गतिविधियां जैसे खुदाई, विध्वंस, बैचिंग प्लांट संचालन, सडक़ मरम्मत, पेंटिंग, वेल्डिंग आदि पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगी। जिला में स्टोन क्रशर एवं ईंट भट्टों का संचालन तत्काल बंद किया जाए। एनसीआर में बीएस- III पेट्रोल और बीएस- IV डीजल वाहनों (चार पहिया) के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इनको परियोजनाओं को ग्रेप-तीन के तहत मिलेगी छूट :
केवल रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डा, बस टर्मिनल, राष्ट्रीय महत्व/रक्षा से जुड़ी परियोजनाएं, अस्पताल, स्वास्थ्य सुविधाएं, राजमार्ग, सडक़, विद्युत वितरण, जल आपूर्ति व सीवेज जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं को छूट दी जाएगी।

