Cervical Cancer : हाल ही में दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने एक ऐसी डिवाइस बनाई जिससे आसानी से पता चल सकेगा कि सर्वाइकल कैंसर का इलाज सही हो रहा है या नहीं. इस डिवाइस में केवल ब्लड टेस्ट के माध्यम से इस बात की जानकारी लगेगी कि कैंसर का इलाज सही चल रहा है या नहीं कहीं ये दोबारा तो लौट कर नहीं आ सकता है.
Cervical Cancer : जितना बड़ा ट्यूमर उतनी अधिक ब्लड में टुकड़ों की संख्या
दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने जांच में पाया कि जिन महिलाओं को यह कैंसर था, उनके ब्लड में इस वायरस के DNA के छोटे-छोटे टुकड़े घूम रहे थे. ट्यूमर जितना बड़ा था, ब्लड में इन टुकड़ों की मात्रा भी उतनी ही थी. जब इन महिलाओं का इलाज होना शुरु हुआ तो डीएनए के टुकड़ों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगी.
एम्स की यह खोज इलाज में बहुत अहम
भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा और अहम कैंसर है. इस कैंसर की वजह से हर साल कई महिलाओं की मौत हो जाती है. इस कैंसर को लेकर वर्तमान में जो भी जांच और फॉलोअप के तरीके हैं वो काफी महंगे हैं. ऐसे में दिल्ली एम्स की नई खोज केवल खून के माध्यम से कैंसर का पता चलना जांच का काफी सस्ता विकल्प होगा.
एम्स के डॉक्टर मयंक सिंह ने जानकारी दी कि कैंसर के मरीज का इलाज ठीक तरह से चल रहा है या नहीं, इसके लिए बार-बार टेस्ट और स्कैन की जरूरत पड़ती है. नई जांच तकनीक से खर्चा कम हो सकता है. इससे केवल उन लोगों को ही ओवरऑल बॉडी चेकअप या स्कैन की जरूरत होगी, जिनके ब्लड में कैंसर के ज्यादा निशान दिखेंगे.
इस डिवाइस के जरिए एचपीवी के दो सबसे खतरनाक प्रकार HPV16 और HPV18 के डीएनए की बहुत थोड़ी मात्रा भी ब्लड में पकड़ी जा सकते हैं.