रोहतक। रोहतक लोकसभा उम्मीदवार और कांग्रेस के इकलौते राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के चुनाव प्रचार में माँ आशा हुड्डा के बाद पत्नी श्वेता हुड्डा भी मैदान में आ गई है। शनिवार को पहली बार चुनाव प्रचार करने पहुंची। उन्होंने रोहतक लोकसभा के जिला झज्जर के कई गांव में दौरा किया। इस दौरान उन्हें लड्डुओं व फलों से तौला गया। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वें पहली बार कहीं सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रचार करने के लिए पहुंची हैं।
हालांकि इससे पहले दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सिंह भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा की मां आशा हुड्डा चुनाव प्रचार में जुटे। लेकिन श्वेता हुड्डा केवल नामांकन के दिन 4 मई को ही दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पर्चा भरने के लिए आई थी। इसके बाद अब आज उन्होंने झज्जर के कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान श्वेता हुड्डा ने कहा कि लोग अपनी समस्याएं लेकर सीधे प्रधानमंत्री के घर या मंदिर के दरवाजे पर नहीं जा सकते। अपनी समस्याएं लेकर स्थानीय नेताओं, सांसद या विधायक के पास ही लेकर जा सकते हैं।
अगर चुना हुआ नेता आवाज उठाने वाला नहीं हो तो समस्याएं भी हल नहीं होती। जब उनके पास समस्या लेकर नहीं जान सकते तो यह चिंताजनक है। इसलिए अपना नेता चाहते हुए भी मदद नहीं कर सकता। सभी 25 में को सूझबूझ के साथ अपने नेता को चुने, जो आपकी आवाज व समस्या उठाएं। इस दौरान झज्जर की विधायक गीता भुक्कल ने भी भाजपा पर निशाना साधा। गीता भुक्कल ने कहा कि भाजपा ने सरपंचों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया था। जिसको सरपंच आज भी याद कर रहे हैं और इसका खामियाजा भाजपा को चुनाव में भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस सरपंचों को खोया हुआ सम्मान देने का काम करेगी।