नई दिल्ली। आज कल ये बड़ा सवाल है कि आखिर लड़कियों को बड़ी उम्र के पुरुषों से प्रेम क्यों हो जाता है। काफी पहले एक गजल आई थी जिसे जगजीत सिंह ने गाया था। ग़ज़ल है – ‘ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन’… जी हां, जब कोई इंसान प्यार में होता है तो वो अपने पार्टनर की उम्र, जात-पात नहीं देखता। बस प्यार करता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर औरतें अपनी उम्र से ज्यादा बड़े आदमियों की ओर क्यों आकर्षित होती हैं? आइए आपको बताते हैं इसके कारण-
मैच्योरिटी एवं कॉन्फिडेंस
लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में मैच्योरिटी थोड़ी देर से आती है। हालांकि, लड़कियों को मैच्योर लड़के ज्यादा पसंद होते हैं। ऐसे में वो अपनी उम्र से बड़े लड़कों को डेट करना पसंद करती हैं और ऐसे पार्टनर्स के साथ सेफ फील करती हैं। उन्हें लगता है कि समझदार पार्टनर उन्हें आसानी से संभाल सकते हैं। वहीँ ज्यादा उम्र के आदमियों का कॉन्फिडेंस का लेवल काफी ज्यादा होता है और अक्सर लड़कियों को यह काफी प्रभावित करता है। ऐसे में कम उम्र की लड़कियां अक्सर अनुभव और आत्मविश्वास से भरे आदमियों को अपना दिल देना पसंद करती हैं।
एक्सपीरियंस एवं फाइनेंशियल स्टेबिलिटी
बड़ी उम्र के आदमियों में एक्सपीरियंस काफी ज्यादा होता है और लड़कियों को अनुभवी लड़के बहुत पसंद होते हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा होता है, इसलिए वो अपने से बड़े उम्र के मर्दों की ओर आकर्षित होती हैं। वहीँ अक्सर औरतें अपने से बड़े उम्र के आदमियों की ओर इसलिए आकर्षित होती है, क्योंकि वो फाइनेंशली इंडिपेंडेंट होते हैं और लड़कियों के खर्चों को आसानी से उठा सकते हैं। ऐसे में वो समझदारी दिखाते हुए फाइनेंशली इंडिपेंडेंट आदमियों को अपना दिल देती है, ताकि वो आगे की लाइफ अच्छी तरह से जी पाएं।
सुरक्षा का भाव
कई बार कम उम्र की लड़कियां अपने से काफी अधिक उम्र के व्यक्ति के साथ अपनेआप को सुरक्षित महसूस करती हैं। ऐसा अकसर तब होता है जब कोई लड़की बचपन से अकेली रही हो। परिवार में पिता या भाई जैसे किसी पुरुष का संरक्षण न मिलने के कारण उसे अपमान या छेड़खानी का सामना करना पड़ा हो तो ऐसी लड़कियां सहज ही अपने से अधिक उम्र के व्यक्ति के साथ अपनेआप को सुरक्षित महसूस करती हैं। कई बार लड़कियों के इस रुझान का फायदा पुरुष भी उठाते दिख जाते हैं।
स्वार्थी वृत्ति या मजबूरियां
पुरुषों की स्वार्थी वृत्ति भी कई बार कम उम्र की लड़कियों को अपने मोहजाल में फंसा लेती है। लड़कियां यदि केवल सहकर्मी होने के नाते पुरुषों के साथ वार्त्तालाप कर लेती हैं, काम में कुछ मदद मांग लेती हैं तो स्वार्थी प्रवृत्ति के पुरुष इस का गलत फायदा उठाने की कोशिश करते हैं और लड़कियां उन के झांसे में आ जाती हैं। इसके अलावा कई बार मजबूरियां साथ काम करने वाले अधिक उम्र के सहकर्मी के करीब ले आती हैं। तब मुख्य वजह मजबूरी होती है, संबंधित पुरुष की उम्र नहीं। आजकल कार्यस्थलों पर काम की अधिकता हो गई है, जबकि समय कम होता है। कम समय में अधिक कार्य का लक्ष्य पूरा करने के लिए लड़कियां अपने सहकर्मी पुरुषों का सहयोग लेने में नहीं हिचकतीं, यह जरूरी भी है। किंतु मन का क्या? सहयोग लेते देते मन भी जब एकदूसरे के करीब आ जाता है तब उम्र का बंधन कोई माने नहीं रखता।
प्रलोभन
प्रलोभन या लालच वश भी कमसिन लड़कियां उम्रदराज पुरुषों के चंगुल में फंस जाती हैं। कई लड़कियां बहुत शौकीन और फैशनेबल होती हैं। उन की जरूरतें बहुत ज्यादा होती हैं, पर जरूरतों को पूरा करने के साधन उन के पास सीमित होते हैं। ऐसी स्थिति में यदि कोई अधिक उम्र का व्यक्ति, जो साधन संपन्न है, पैसों की कोई कमी नहीं है, समाज में रुतबा है तो लड़कियां उस की ओर आकर्षित हो जाती हैं। उस समय उन्हें दूरगामी परिणाम नहीं दिखते, तात्कालिक लाभ ही उन के लिए सर्पोपरि होता है। कई लड़कियां कैरियर के मामले में शॉर्टकट अपनाना चाहती हैं और ऊंची छलांग लगा कर पदोन्नति प्राप्त कर लेना चाहती हैं। यह लालच अधिकारी की अधिक उम्र को नजरअंदाज कर देता है।
परिस्थितियां
कार्यक्षेत्र की परिस्थितियां कई बार ऐसा संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं। कई दफ्तरों में फील्ड वर्क होता है। काम सीखने समझने के मद्देनजर लड़कियों को सीनियर्स के साथ दफ्तर से बाहर जाना पड़ता है। गैर अनुभवी लड़कियों को इस का फायदा मिलता है। धीरे धीरे लड़कियां पुरुष सहयोगियों के करीब आ जाती हैं। काम के सिलसिले में लगातार साथ रहते रहते कई बार दिल भी मिल जाते हैं। वहीँ किसी भी अधिक उम्र के व्यक्ति का अपना प्रभाव, व्यक्तित्व, रुतबा या रहनसहन भी लड़कियों को प्रभावित करने का माद्दा रखता है। राजनीति और कारोबार जगत से जुड़ी कई हस्तियों के साथ कम उम्र की लड़कियों को उन के मोहपाश में बंधते देखा गया है।
क्षणिक आकर्षण
यह भी एक तथ्य है कि आकर्षण तो महज आकर्षण ही होते हैं और ज्यादातर आकर्षण क्षणिक भी होते हैं। दूर से तो हर वस्तु आकर्षक दिख सकती है। उस की सचाई तो करीब आने पर ही पता चलती है, कई बार यही आर्कषण आसमान से सीधे धरातल पर ले आता है। आकर्षण, प्यार, चाहत और जीवनभर का साथ ये सब अलगअलग तथ्य होते हैं। इन्हें एक ही समझना गलत है। किसी अच्छी वस्तु को देख कर आकर्षित हो जाना एक सामान्य बात है। पर इस आकर्षण को जीवनभर का बोझ बनाना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा हो सकता है, क्योंकि हर चमकती चीज सोना नहीं होती। फिर भी बदलते वक्त की जरूरत कहें या बढ़ती हुई जरूरतों को जल्दी से जल्दी बिना मेहनत किए पूरा करने की होड़, अधिक उम्र के पुरुषों की तरफ लड़कियों का आकर्षित होना एक अच्छी शुरुआत तो नहीं कही जा सकती। इस नादानी में उन का भविष्य जरूर दावं पर लग सकता है।