Haryana News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव (Arti Singh Rao) ने अपना और अपने स्टाफ का आभा कार्ड (ABHA Card) बनवाया।
इस दौरान उन्होंने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के कार्यों की समीक्षा भी की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) एक परिवर्तनकारी पहल है जिसका उद्देश्य एक सहज और अंतर संचालन (इंटरऑपरेबल) योग्य डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को डिजिटल बनाना है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और अंतर-संचालनीय डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों का उपयोग करके विभिन्न हितधारकों के बीच निर्बाध डेटा साझाकरण को सक्षम बनाना है।
इस योजना की मुख्य विशेषताएं डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं का लाभ उठाना है। यह योजना कड़े डेटा सुरक्षा उपायों के साथ बनाई गई है। रोगी का डेटा केवल स्पष्ट सहमति से साझा किया जाता है। स्वास्थ्य डेटा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के पास रहता है; एबीडीएम संवेदनशील स्वास्थ्य डेटा को केंद्रीकृत रूप में संग्रहीत करने के बजाय सुरक्षित आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है। कुछ डेटा (आभा, एचपीआर, एचएफआर) को अंतर संचालनीयता और विश्वास के लिए केंद्रीय रूप से संग्रहीत किया जाता है।
मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को अपनी आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) आईडी से लिंक कर सकता है। वह अपनी सहमति से डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सुरक्षित रूप से संग्रहीत, एक्सेस और साझा कर सकता है। हरियाणा में संचालन के लिए एबीडीएम टीम जागरूकता पैदा करने और आभा आईडी बनाने की सुविधा के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन राज्य मिशन निदेशक संगीता तेतरवाल के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।
इस अवसर पर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के संयुक्त निदेशक (सूचना प्रौद्योगिकी) कैलाश सोनी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आभा कार्ड बनाने के लाभ बताए और इस मिशन के प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से भिन्न होने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने 100 माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में अब तक 1.63 करोड़ से अधिक आभा कार्ड बनाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सीएचसी मुलाना को आभा कार्ड धारकों के लिए प्रदेश का पहला आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाया गया है, जो पूरी तरह कार्यात्मक है। यहां मरीज ऑनलाइन पंजीकरण कराकर इलाज करा सकते हैं। सीएचसी मुलाना में मरीजों को पंजीकरण के लिए लाइनों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है। जल्द ही यह योजना राज्य के सभी 22 जिलों में प्रति स्वास्थ्य संस्थान 2 स्वास्थ्य केंद्रों यानि कुल 44 स्वास्थ्य संस्थानों में लागू की जाएगी। स्वास्थ्य संस्थानों के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में यह एक नई और परिवर्तनकारी पहल साबित होगी।
बैठक में तकनीकी टीम के सदस्य – आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के परियोजना प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) डार्विन अरोड़ा और एचएमआईएस प्रबंधक श्री उमेश सैनी भी मौजूद रहे।