Friday, May 3, 2024
Homeहरियाणाजींदजींद में होने जा रही है अनोखी शादी, छपवाया ऐसा शादी का...

जींद में होने जा रही है अनोखी शादी, छपवाया ऐसा शादी का कार्ड, चारों तरफ़ बना चर्चा का विषय

- Advertisment -

दूल्हे के पिता हरियाणा पुलिस से सेवानिवृत सब इंस्पेक्टर सुभाष तितरम ने बताया कि वे तर्कशील सोसाइटी से जुड़े हैं। अंधविश्वास के खिलाफ लंबे समय से मुहिम चलाई हुई है।

- Advertisment -

जींद। शादी किसी की भी लाइफ का सबसे अहम हिस्सा होता है। शादियों के इस सीजन में लोग अपने घर में हो रही शादी को यादगार बनाने के लिए पूरी शिद्दत से तैयारियां करते हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक अनोखा वेडिंग कार्ड चर्चा में है। जी हाँ ये कार्ड जींद में एक शख्स ने अपनी शादी का छपवाया है जो चारों तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे यादगार बनाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके के अपनाते हैं। इसे देखकर कुछ यूजर्स ने कहा कि यह मेहमानों को कैसे समझ आएगा।

जींद के हाउसिंग बोर्ड में पांखड तथा प्रदूषण मुक्त अनोखी शादी आठ दिसंबर को होने जा रही है। बिना दान दहेज के होने वाली शादी में ना कोई पंड़ित होगा, ना ही कोई पुजारी। ना ही हवन यज्ञ होगा, ना ही फेरे करवाए जाएंगे। केवल जयमाला होगी, ताकि आग व सामग्री से उठने वाला धुंआ वातावरण में न फैले। बाराती सामाजिक कार्यकर्ता ही होंगे। थापे की जगह समध मिलावा होगा। शादी में आने वाले मेहमानों का स्वागत देशी घी तथा शक्कर से होगा।

शादी के कार्ड के फ्रंट पर महापुरूष महात्मा बुद्ध, गुरूनानक देव, ज्योतिबा फुले, दीनबन्धु सर छोटूराम, डॉ. भीमराव अंबेडकर तथा शहीद भगत सिंह के फोटो लगाए गए हैं। एक साइड में जय जवान, जय किसान, जय इंसान तथा जय विज्ञान का स्लोगन दिया गया है। दूसरी तरफ खेत हमारे मंदिर है, अन्न हमारा भगवान है। फिर बड़े अक्षरों में किसान आंदोलन सदियों तक याद रखेंगे, कमेरा वर्ग का लिखकर दूल्हा तथा दुल्हन का नाम दिया गया है। जिसके साइड में शहीद भगत सिंह के नाम से दुनिया का सबसे बड़ा अंधविश्वास ईश्वर में विश्वास करने के बारे में लिखा गया है।

निमंत्रण पत्र के अंदर का मजमून की शुरूआत ज्योतिबा फूले के स्लोगन स्कूल की घटी तरक्की की तरफ ले जाती है। मंदिर की घंटी मानसिक गुलामी लेकर जाती है का स्लोगन लिखा गया है। आशीर्वाद महापुरूषों से लिखा गया है। फिर से नीचे बाक्स में एक रुपए की सगाई, समधनों की मिलाई, पांखड की विदाई, सबकी इसी में भलाई का स्लोगन लिखा गया है। वैवाहिक कार्यक्रम पेज की शुरूआत इंकलाब जिंदाबाद साम्राराज्यवाद मुर्दाबाद, कमेरा वर्ग का भाईचारा जिंदाबाद के नारे लिखे गए है। किसानों को अपनी फसल का मजदूरों का अपनी मेहनत का पूरा हक मिलें।

फिर कार्यक्रम के ऊपर दीनबंधु छोटूराम का स्लोगन ऐ भोले किसान, दुश्मन को पहचान, मंडी तथा फड़ी का विरोध कर लिखा गया है। दूसरा स्लोगन डॉ. भीमराव अंबेडकर का शिक्षा शेरनी का दूध है जो पिएगा वही दहाड़ेगा को लिखा गया है। वैवाहिक कार्यक्रम के बाद अंत में महात्मा बुद्ध के स्लोगन अपना दीप स्वयं बनो को लिखा गया है।

दूल्हे के पिता हरियाणा पुलिस से सेवानिवृत सब इंस्पेक्टर सुभाष तितरम ने बताया कि वे तर्कशील सोसाइटी से जुड़े हैं। अंधविश्वास के खिलाफ लंबे समय से मुहिम चलाई हुई है। अब बेटे की शादी भी पाखंड तथा प्रदूषण रहित होगी। कोई फेरे नहीं होंगे। जयमाला के दौरान बारात में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को जागरूक भी करेंगे। सभी कार्य सादगीपूर्ण होंगे। सुभाष तितरम कैंसर की तीसरी स्टेज को भी मात दे चुके हैं। वेटर्न खेलो में 28 मेडल जीत चुके है। नान स्टाप 100 किलोमीटर तक साइक्लिंग समेत कई उपलब्धि अपने नाम कर चुके है। उनके बेटे की शादी का निमंत्रण पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -
- Advertisment -

Most Popular