Friday, September 20, 2024
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पंजाब सरकार के खिलाफ सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों का अनोखा प्रदर्शन!

पंजाब में किसान, शिक्षक और डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और अलग-अलग तरीकों से सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश भी कर रहे हैं। अब सरकारी डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर एक अलग मोर्चा खोल दिया है, वो भी मरीजों के जरिए।

अब अगर आप किसी सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराने जाएंगे तो ओपीडी में बैठा सरकारी डॉक्टर आपको दवाएं लिखेगा और साथ ही आपकी मांगों का एक पर्चा भी देगा, जिसमें डॉक्टर अपनी बात मनवाने के लिए आपके माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे। उनकी मांगों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।

लुधियाना के सरकारी सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ अपनी मांगें रखने के लिए अनोखा प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने मरीजों को सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए ले जाया, मरीजों के हाथों में मेडिकल पर्चे के साथ-साथ डॉक्टरों द्वारा सरकार के खिलाफ एक विज्ञापन भी दिया गया।

पंजाब के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने सरकारी सिविल अस्पताल में अनोखे तरीके से पंजाब सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने का तरीका ढूंढ लिया है। डॉक्टर साहब आपको एक पैम्फलेट भी देंगे, जिसमें डॉक्टर अपनी चिंताओं और मांगों को आपके माध्यम से सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

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प्रिय लोगों, हम सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर हैं, जो आपकी बेटियां और बेटे हैं और हम आपको रोजाना सरकारी अस्पताल में कठिनाइयों और कठिनाइयों का सामना करते हुए देख रहे हैं। पर्चे में आगे डॉक्टर लिखते हैं कि जरूरत से आधा स्टाफ भर्ती है, वही डॉक्टर दिन-रात 200 से ज्यादा ओपीडी मरीजों को देखकर, इमरजेंसी और वार्ड के मरीजों का ख्याल रखते हुए, मंत्रियों की वीआईपी ड्यूटी करते-करते, पर्चा काटते-काटते थक गए हैं। पोस्टमॉर्टम करते हुए डॉक्टर की बाकी निजी जिंदगी गायब है।

1991 तक पंजाब में कुल 4600 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 2800 पद खाली हैं, आगे सरकारी डॉक्टर लिखते हैं कि प्रिय लोगों, जरा सोचिए कि 1991 के बाद से पंजाब की जनसंख्या इतनी नहीं बढ़ी है कि स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें पंजाब के लोग नहीं बढ़े हैं।

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