Thursday, October 24, 2024
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MP News, देश की पहली पीएम जनमन कॉलोनी शिवपुरी में, मिली पक्के घर की खुशियां

MP News, मध्यप्रदेश देश में प्रधानमंत्री आदिवासी जनमन महाभियान में विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय परिवारों के लिये पक्का आवास बनाने में सबसे आगे है। मध्यप्रदेश में कुल 1 लाख 13 हजार 433 जनमन आवास स्वीकृत हुए थे। इनमें से 22 हजार 619 आवास बनाकर मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है।

उडीसा 1620 आवासों के साथ दूसरे, छत्तीसगढ़ 526 आवास बनाकर तीसरे और राजस्थान 87 आवास बनाकर चौथे स्थान पर है। प्रदेश में शिवपुरी में सबसे ज्यादा 4 हजार 443 आवास बने हैं।

उमरिया 3 हजार 264 आवास बनाकर दूसरे और शहडोल 3 हजार 164 आवासों के साथ तीसरे, मंडला 2 हजार 112 आवासों के साथ चौथे और अनूपपुर 1 हजार 891 के साथ पांचवे स्थान पर है। इसके साथ ही देश की पहली प्रधानमंत्री जनमन कालोनी शिवपुरी में बनाकर मध्यप्रदेश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल शिवपुरी जनपद पंचायत की हातौद, कोटा और डबिया ग्राम पंचायतों में बनी देश की पहली पीएम जनमन कॉलोनी का निरीक्षण किया। उन्होने नए पीएम जनमन आवास के सहरिया जनजाति के हितग्राही परिवारों से चर्चा की और नया घर मिलने की बधाई दी।

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सहरिया परिवार की बहनों ने उन्हें राखी बांधी। श्री पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से भी हितग्राही परिवारों को बधाई और शुभकामनाएं दी। पंचायत मंत्री ने कहा कि देश में सबसे पहला जनमन आवास बनाने वाला जिला शिवपुरी है और सबसे पहले जनमन कॉलोनी बनाने का रेकार्ड बनाने वाला जिला भी शिवपुरी है।

इस उपलब्धि के लिए सभी अधिकारियों की टीम को उन्होने बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री आदिवासी न्याय महाअभियान शुरू होने के 23 दिन के भीतर ही शिवपुरी में पहला आवास बन गया था और 29 दिनों में छिंदवाड़ा में दूसरा आवास बना|

उन्होंने हितग्राही सहरिया परिवारों से आग्रह किया कि पक्का घर मिलने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई पर और ज्यादा ध्यान दें। पढ़ाई और बचपन पर बच्चों का अधिकार है। इस अधिकार से उन्हे दूर नहीं करें। मिलकर सामाजिक कुरीतियों से लड़े और उनका त्याग करें। नशे की प्रवृत्ति को कभी भी पनपने नहीं दें। उन्होंने कहा की आवास के साथ बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य की सुविधा एक साथ मिलना भी सहरिया परिवारों के लिए सबसे बड़ी सहूलियत हैं।

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