Saturday, October 5, 2024
Homeवायरल खबरकिसानों के लिए खुशखबरी , देशी गाय रखने पर साल में मिलेंगे...

किसानों के लिए खुशखबरी , देशी गाय रखने पर साल में मिलेंगे 30 हज़ार रूपये

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किसानों के लिए खुशखबरी भरी खबर जारी की है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए जो किसान देशी गाय रखेगा उसे प्रति गाय 30 हजार रूपये वार्षिक अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर शहर में पशु चिकित्सक, प्रशासक या सचिव नगर-निकाय तथा गौशाला के प्रतिनिधियों की समिति गौशालाओं में गौवंश संख्या की तस्दीक करेगी। शहर में जब भी बेसहारा गौवंश सड़कों पर दिखेगा, गौशालाओं को उन्हें पकड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा तथा एक आर.एफ.आई.डी टैग द्वारा इन बेसहारा गौवंश की निगरानी भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की प्रापर्टी पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा।

मुख्यमंत्री ने तीन योजनाओं के तहत अनुदान राशि गौशालाओं को की जारी

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने यह घोषणाएं आज पंचकूला में आयोजित गौसेवा सम्मेलन में की। इस अवसर पर उन्होंने रिमोर्ट का बटन दबाकर गौशाला एवं गौसदन विकास योजना के अंतर्गत गौशालाओं को वित वर्ष 2024-25 के लिए चारा अनुदान के लिए 32.73 करोड़ रूपये प्रथम किस्त के रूप में जारी किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 22 जिला की प्रत्येक गौशाला को गौशाला एवं गौसदन विकास योजना के अंतर्गत अनुदान राशि के चैक वितरित किए। इसके अलावा उन्होंने वित वर्ष 2023-24 की बची हुई 51 गौशालाओं को 3.23 करोड़ रूप्ये तृतीय चारा अनुदान राशि जारी की। उन्होंने बेसहारा गौवंश पुनर्वास अभियान के तहत 42 पंजीकृत गौशालाओं को 29.36 लाख रूपये की राशि भी जारी की।

 

देशी गाय का दूध डाइबिटीज व हृदय रोगों से बचाव व उपचार में अत्यन्त लाभकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय का दूध अमृत के समान माना जाता है। वैज्ञानिक शोधों से भी यह प्रमाणित हो चुका है कि देशी गाय का दूध उसकी ए-2 आनुवांशिकी के कारण डाइबिटीज व हृदय रोगों से बचाव व उपचार में अत्यन्त लाभकारी है। गाय का दूध मां के दूध के समान गुणकारी माना गया है। गाय का दूध तो अमृत है ही, गोमूत्र तथा गोबर को भी भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार बड़ा उपयोगी माना गया है। इन वैज्ञानिक तथ्यों को देखते हुए अब फिर से हमें देसी गौवंश के महत्व को समझना होगा तथा उनके संरक्षण एवं विकास के लिए और ठोस कदम उठाने होंगे ताकि हम अपनी अमूल्य निधि गौधन को सुरक्षित रख सकें।

गायों की सुरक्षा के लिए केंन्द्र व राज्य सरकार ने बनाए कड़े कानून

उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में गाय छोटे और सीमांत किसानों की आजीविका का एक मुख्य साधन रही है। गायों की सुरक्षा के लिए केन्द्र व राज्य सरकार ने कड़े कानून बनाये हैं। हमारी सरकार ने ’’हरियाणा गौ वंश संरक्षण एवं गौ संवर्धन अधिनियम-2015’’ के अंतर्गत गौ हत्या करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक कारावास व एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया है। गौ तस्करी करने वाले व्यक्ति को 7 वर्ष तक कैद और उपयोग किये जाने वाले वाहन को जब्त करने के अतिरिक्त 70 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जुर्माना राशि अदा न करने पर एक साल तक की अतिरिक्त कैद का प्रावधान भी किया गया है। इसके अलावा गौ-हत्या व गौ-तस्करी को रोकने के लिए राज्यस्तरीय विशेष गौ संरक्षण कार्यबल का गठन किया गया है। गौ-हत्या के अपराधियों को सजा दिलाने के लिए फरीदाबाद व यमुनानगर में गौमास टेस्टिंग लैब स्थापित की गई हैं।

गौरक्षा के लिए गौभक्तों को जन जागरण अभियान चलाना होगा

उन्होंने कहा कि कानूनी प्रावधान करने के अलावा जनमानस को गौ माता के साथ पहले की तरह जोड़ना भी जरूरी है। इसके लिए आप सभी गौ भक्तों को जन जागरण अभियान चलाना होगा। इस काम में स्वयं सेवी संगठन भी कारगर भूमिका निभा सकते है। आप उनका सहयोग भी अवश्य लें। उन्होंने कहा कि गौ माता की सुरक्षा के लिए वर्तमान सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। राज्य में गौशालाओं की संख्या जो वर्ष 2014 में 215 होती थी, अब बढ़कर 675 हो गई है। इन गौशालाओं में चारे के प्रबंध के लिए हमारी सरकार ने पिछले लगभग 10 सालों में 238 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। इसके अलावा, गौशालाओं में 388 शैड बनाने के लिए 30 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि गौ माता को आश्रय देने के लिए गौशालाओं के अलावा गौ अभ्यारण्यों की स्थापना भी की गई है। गांव नैन जिला पानीपत में 50 एकड में 3000 गौवंश क्षमता का एक गौ-अभ्यारण्य बनाया गया है। गांव ढंढुर जिला हिसार में भी 3,000 गोवंश क्षमता का एक गौ-अभ्यारण्य बनाया गया है।

देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन किया लागू

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ माता को पहले जैसा सम्मान दिलाने के लिए हमें देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कारगर कदम उठाने होंगे। इस दिशा में कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू किया है। देशी नस्ल की गाय, जैसे कि हरयाणा, साहीवाल, बेलाही, थारपारकर, गिर आदि की 20 पशुओं की डेरी स्थापित करने पर लाभार्थियों को गाय की खरीद हेतु लिये गये बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देशी गायों की मिनी डेरी योजना के तहत गाय की देशी नस्लों के संरक्षण एवं विकास तथा राज्य में गौ संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए देशी नस्ल की 3 व 5 गायों की डेरी इकाई लगाने वाले पशुपालकों को गायों के खरीद मूल्य पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना में 7 हजार 533 लाभार्थियों को 82 करोड़ 85 लाख 67 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।

प्रदेश में चार गौवंश संवर्धन एवं अनुसधान केन्द्रों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में

CM नायब ने बताया कि देशी गायों की नस्ल सुधार हेतु राज्य में 37 करोड़ रुपये की लागत से चार गौवंश संवर्धन एवं अनुसधान केन्द्रों की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है। ये केन्द्र जिला कैथल के क्योड़क, झज्जर के लकड़िया, करनाल के उचानी और महेन्द्रगढ़ में स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचगव्य आधारित उत्पादों पर अनुसंधान और विकास के लिए हरियाणा गौवंश अनुसंधान केंद्र सुखदर्शनपुर (पंचकूला) की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में बेसहारा गौवंश पशु चिकित्सालय बनाने की योजना है ताकि बेसहारा गौवंश का इलाज व रखरखाव किया जा सके।

 

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular