हरियाणा पुलिस ने एडवाइजरी हुए कहा कि आज की डिजिटल दुनिया में कंप्यूटर व मोबाइल के प्रयोग से कार्य करने में तीव्रता आई है। तकनीक के युग में घर बैठकर कार्य करने की सुविधा व अन्य सुविधाएं मिली हैं परन्तु इस तकनीक फायदा उठाकर कुछ साइबर ठग साइबर क्राइम को अंजाम देते हैं। साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए खुद को जागरुक रखें क्योंकि साइबर ठगों बचने के लिए जागरुकता ही एक मात्र उपाय है।
#साइबर फ्रॉड से बचने के लिए बरते आवश्यक सावधानी, #सोशलमीडिया अकाउंट के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का करें उपयोग, हमेशा जटिल पासवर्ड रखें,थर्ड पार्टी ऐप को जरूरी परमिशन ही दे, सुरक्षित नेटवर्क का करें प्रयोग, अनजान लिंक पर क्लिक न करें, सावधान रहें,सुरक्षित रहे।@cmohry @ssk303 pic.twitter.com/hTeGGKWO7s
— Haryana Police (@police_haryana) July 27, 2024
एडवाइजरी में कहा कि सोशल मीडिया अकाउंट के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का करें उपयोग, हमेशा जटिल पासवर्ड रखें, थर्ड पार्टी ऐप को जरूरी परमिशन ही दे, सुरक्षित नेटवर्क का करें प्रयोग, अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
वहीं ऑनलाइन एप (गूगल पे, फोन पे, पेटीएम) आदि इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें क्योंकि पैसे का लेन-देन करते समय धोखाधड़ी हो सकती है। साइबर ठग आपको फोन करके कहते हैं कि उसने आपको गूगल-पे या फोन-पे पर पैसा ट्रांसफर कर दिया है। जब आप एप को ओपन करके देखते हैं तो उसमें पैसे एक्सैपट से सम्बन्धित लिंक होता है जिस पर आप क्लिक करके अपना पिन डालते हैं जिससे आपके खाते से पैसे कट जाते हैं। इस प्रकार के किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें ना ही किसी व्यक्ति के द्वारा कहने पर किसी भी प्रकार की रिमोटली एप (एनी डेस्क, टीम व्युवर) इन्सटाल करें।
साइबर ठग अलग-अलग तरीके अपनाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। जब भी आप किसी संस्था या कम्पनी का नम्बर सीधा गूगल पर जाकर सर्च करते हैं और वहां मौजूद मोबाइल नम्बर पर आप कॉल करते हैं जो किसी साइबर ठग का हो सकता है। जब आप उस नम्बर पर बात करते हैं तो और वह आपके साथ आपके फायदे की बात करेंगे और आपकी सहायता के लिए आपको भरोसा भी दिलवाएंगे। वो आपको बातों में उलझाकर आपसे ठगी करते हैं इसलिए सीधा गुगल पर सर्च करने की बजाए कम्पनी या संस्था की वेबसाइट पर जाकर ही फोन नम्बर प्राप्त कर बातचीत करें।
इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति आपको फोन के द्वारा आपके फायदे के लिए बात करता है तो इस प्रकार के व्यक्ति से सावधान होकर बात करें और किसी भी प्रकार की निजी जानकारी या दस्तावेज इत्यादि उसके साथ साझां ना करें। साइबर ठगी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें।