हरियाणा में प्रभावी कानून प्रवर्तन, व्यापक जागरूकता अभियान और नशामुक्ति के लिए लगातार जन समर्थन जुटाकर नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक सघन अभियान चलाया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से हुई नार्को-समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) की 7वीं शीर्ष स्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि राज्य में जनवरी 2023 से मार्च 2024 तक 2,405 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए और 3,562 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई इसके अतिरिक्त,पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के तहत 24 प्रिवेंटिव डिटेंशन आर्डर जारी किए गए और इन मामलों में 9.59 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। इसके अलावा, 10 संवेदनशील जिलों में नशामुक्ति अभियान भी चलाया गया। मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए, अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला सीमाओं पर 35 नार्को डॉग चेक भी बनाए गए हैं।
प्रसाद ने बताया कि जनवरी 2023 से मार्च 2024 तक 91 गांवों और 27 वार्डों में 96 जागरूकता गतिविधियां चलाई गई जिनमें 38,973 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जेलों में नशामुक्ति प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य की 15 जेलों में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की गई। इस समय इन केन्द्रों में मनोचिकित्सकों और चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने प्रहरी पहल के माध्यम से जमीनी स्तर पर नशे से लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गांव और वार्ड स्तर पर कुल 7,523 नशा करने वालों की पहचान की गई और उन्हें नशामुक्ति के लिए प्रोत्साहित किया गया। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो, जो मादक पदार्थों के दुरुपयोग के मुद्दों को संबोधित करने के लिए समर्पित है, ने 550 व्यक्तियों को व्यावसायिक सहायता प्रदान की है, जिससे वे नशामुक्त जीवन की ओर बढ़ सके। मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा में 105 नशामुक्ति केंद्र, 21 परामर्श-सह-पुनर्वास केंद्र और 12 मनोरोग नर्सिंग होम हैं। परिचालन मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए इनकी नियमित रूप से जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि नार्को समन्वय केंद्र हेतु राज्य स्तरीय समिति की 7वीं बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग को प्रत्येक जिला अस्पताल में नशामुक्ति उपचार सुविधाएं स्थापित करने के निर्देश दिए गए। शिक्षा विभाग और सभी उपायुक्तों को कहा गया है कि वे हाई स्कूल और कॉलेज के छात्रों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए ‘नव चेतना मॉड्यूल’ को लागू करें। उन्होंने बताया कि 971 जांच अधिकारियों को एनडीपीएस मामलों की जांच में प्रशिक्षित किया गया है।
बैठक में हरियाणा के गृह सचिव अनुराग रस्तोगी, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, जेल विभाग के महानिदेशक मोहम्मद अकील और एडीजीपी ओ.पी. सिंह भी मौजूद रहे।