Saturday, October 5, 2024
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पंजाब, संगठनों ने केंद्र द्वारा तय कीमत को नकारा, कहा- खरीद गारंटी कानून…

पंजाब, भारतीय किसान यूनियन उगराहा की राज्य स्तरीय बैठक बरनाला जिले के गांव चीमा के विश्वकर्मा मंदिर में हुई। इस अवसर पर खेती-किसानी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि किसानों के संघर्ष के दबाव के कारण केंद्र सरकार ने 14 फसलों पर एमएसपी में बढ़ोतरी की है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरकार ने 400 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन किसानों के संघर्ष का असर है कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल नहीं कर पाई है।

जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि किसानों की मांग सिर्फ फसलों पर एमएसपी नहीं, बल्कि एमएसपी गारंटी कानून है। उन्होंने कहा कि जब सरकारी खरीद एमएसपी पर लागू नहीं होगी तो अकेले एमएसपी का कोई मतलब नहीं है। बिना खरीद गारंटी के एमएसपी का कोई मतलब नहीं है।

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उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनेगा तो फसल विविधता भी बढ़ेगी। पानी बचाने की समस्या भी हल हो जाएगी और प्रदूषण की समस्या भी ख़त्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने फसलों पर एमएसपी तो बढ़ा दी है, लेकिन उसी हिसाब से किसानों का खर्च भी काफी बढ़ गया है।

किसानों की लागत के अनुसार दाम बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि डीजल के दाम पहले से कई गुना बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे एमएसपी से कम दाम पर फसल खरीदने वालों पर कार्रवाई हो। पंजाब के विभिन्न संघर्षरत किसान संगठनों के नेताओं की ओर से यहां जारी बयानों में कहा गया कि ये कीमतें डॉ. स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले के मुताबिक नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि ये कीमतें उच्च मुद्रास्फीति और लागत शुल्क के साथ असंगत नहीं हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि 14 फसलों के दाम तो घोषित कर दिए गए हैं लेकिन उनकी खरीद की गारंटी की कोई व्यवस्था नहीं है।

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