Sunday, October 6, 2024
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रोहतक : एमडीयू के सभी छात्र संगठन हुए एकजुट,कहा -नई शिक्षा नीति के तहत नही होने देंगे दाखिला

रोहतक :एमडीयू प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करके यूजी कोर्स की 5 गुना फीस वृद्धि और 3 वर्षीय कोर्स को बंद करके 4 वर्षीय यूजी कोर्स चालू करने के खिलाफ सीईएम, एआईडीएसओ, सीवाईएसएस, दिशा, एसएफआई, एएमवीए, जेएसओ, इनसो, आईएसओ, शाहिद भगत सिंह छात्र संगठन , एनएसयूआई, एनएसओ , दिशा , जन सेवक मंच छात्र संगठनो ने संयुक्त छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले एमडीयू में प्रेस वार्ता आयोजित की।

सभी छात्र संगठनों के अगुआ नेताओं ने सर्वसम्मति से कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के इशारे पर एमडीयू के इस शिक्षा विरोधी कदम के खिलाफ हम अपनी मांगों को पूरा होने तक लड़ेंगे। हमारी मुख्य तीन मांग है, यूजी कोर्स में की गई पांच गुना फीस वृद्धि, चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को वापस लिया जाए।

छात्र नेताओं ने कहा कि फीस वृद्धि छात्रों के अधिकारों के शिक्षा के अधिकार का हनन तो करेगी ही साथ ही साथ समाज को दो वर्गों में बांट देंगी। कुछ मुट्ठी भर अमीर जिनके पास उच्च शिक्षा होगी और बड़ी संख्या जो उच्च शिक्षा से वंचित होगें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण, सांप्रदायीकरण, व्यवसायीकरण और केंद्रीकरण का ब्लूप्रिंट है। एमडीयू प्रशासन इस नीति को लागू करके यूनिवर्सिटी के दरवाजे आम छात्रों के लिए बंद करना चाहती है। ग्रेजुएशन 4 साल का करने से एक वर्ष का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। वर्षों से चालू तीन वर्षीय कोर्स को खत्म करके 4 वर्षीय ग्रेजुएशन करके शिक्षा के सार को ही खतम कर देंगे। यह शिक्षा का व्यवसायीकरण करके अंतरराष्ट्रीय बाजार की खरीद बेच की वस्तु बना देगा। यूनिवर्सिटी शिक्षा देने की बजाए सर्टिफिकेट प्रिंट करने की मशीन बन जायेगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी में 4 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स का परीक्षण पहले ही फेल हो चुका है, कुछ दिन पहले ही कर्नाटक सरकार ने 4 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स को वापस लिया।

संयुक्त छात्र संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि अगले सोमवार को एमडीयू वीसी को ज्ञापन दिया जायेगा, किसी भी मंत्री और नेता को यूनिवर्सिटी में घुसने नहीं दिया जायेगा।

संयुक्त छात्र संघर्ष समिति ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को चेतावनी दी कि छात्र, शिक्षा और समाज के हित में यूजी कोर्स की 5 गुना फीस वृद्धि, 4 वर्षीय यूजी कोर्स और राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस लें अन्यथा यूनिवर्सिटी को ताला लगाया जायेगा, प्रशासन का घेराव किया जायेगा और प्रवेश परीक्षा को रोका जाएगा।

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