रोहतक। रोहतक के निंदाना गांव में पिछले सात साल से डीसी और गोधू गैंग के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है, जिसमें अब तक सात हत्या हो चुकी हैं। कल हुई इस गैंगवार में वजीर सिंह तो रंजिश के चलते मारा ही गया लेकिन इसमें एक बेकसूर इंसान किशनगढ़ के 60 वर्षीय बल्लू नंबरदार की भी मौत हो गई। बल्लू का रंजिश से कोई संबंध नहीं था, वह केवल गलत समय पर उस जगह पर मौजूद था। बता दें डीसी गैंग के ज्यादातर सदस्य जेल में बंद हैं, जबकि गोधू गैंग का अंकित उर्फ गोधू पैरोल पर आने के बाद से फरार है। दोहरे हत्याकांड में अंकित समेत छह लोगों को नामजद करवाया गया है।
20 साल पहले सरपंच चुनाव से शुरू हुई दुश्मनी
बता दें निंदाना गांव में यह रंजिश 20 साल पहले शुरू हुई। मृतक वजीर के भाई रामनिवास ने बताया कि 20 साल पहले ये विवाद सरपंच के चुनाव से शुरू हुआ था। मुख्य आरोपी अंकित उर्फ गोधू का ताऊ सरपंची के चुनाव में खड़ा हुआ था। उनके परिवार ने उसके पक्ष में वोट नहीं डाले। हालांकि, अंकित का ताऊ जीत गया और सरपंच बन गया। इसके बाद अंकित का परिवार उनसे रंजिश रखने लगा। सरपंची मिलने के बाद उनके पिता को भी झूठा केस लगवाकर पुलिस की सहायता से उठवा दिया। तभी से धमकियों और झगड़े का दौर शुरू हो गया। बात दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष तक पहुंच गई।
अब तक हो चुकी हैं 7 हत्याएं
एक पक्ष ने गोधू गैंग बना ली और दूसरा डीसी गैंग से जुड़ गया। इसमें अब तक 7 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। 3 हत्याएं डीसी गैंग के सदस्यों की हुई तो 3 ही गोधु गैंग के लोगों की। करीब 1 साल पहले खेत में 2 युवकों की हत्या हुई थी। वहीं गैंगवार कर बेडवा के पास दो लोगों को गोली मारी गई थी। वहीं 1 युवक की हत्या गांव में ही घेरकर की गई थी। वजीर के बेटे अशोक उर्फ शोकी पर भी आरोपियों ने करीब 3-4 साल पहले 5-6 गोली फायर की थी। उसमें अशोक की जान बच गई। इसके बाद गोधु गैंग के सदस्य गप्पू की हत्या के मामले में अशोक और भतीजा संदीप करीब डेढ़ साल से जेल में बंद हैं। अशोक हिसार जेल में है तो वहीं संदीप भिवानी जेल में। इसी मामले में परिवार के अन्य लोगों के भी नाम शामिल हैं।
मारपीट के केस में थी वजीर की पेशी
रामनिवास ने बताया कि इन सिलसिलेवार वारदातों को निपटाने के लिए गांव में 5-6 बार पंचायत भी हो चुकी है, लेकिन पंचायत में समझौता होने के बाद भी आरोपी रंजिश रखे हुए हैं। अब उसका सबसे बड़ा भाई शमशेर व वजीर गैंगवार से परेशान होकर अपने परिवार के साथ भिवानी के लोहारू में रहने लग गए थे। उसने बताया कि वर्ष 2018 मे उसके और उसके परिवार के खिलाफ गांव के ही जयभगवान मारपीट व धमकी देने सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज करवाया था। जिसकी महम कोर्ट में तारिख लगी हुई थी। मंगलवार को वह अपने भाई वजीर तथा गांव निंदाना निवासी कृष्ण, दीपक व संजीत के साथ महम कोर्ट में आया था। कोर्ट में अगली तारीख मिलने पर वह, उसकी पत्नी गुड्डी व उसका भाई वजीर घर का सामान खरीदकर भिवानी स्टैंड पर पहुंचे।
आरोपियों का लिखवाया नाम
वजीर भिवानी जाने वाली बस का इंतजार कर रहा था और वह अपनी पत्नी के साथ वापस चल पड़ा। इसी दौरान एक मोटरसाइकिल पर 2 लोग सवार होकर आए। जिन्होंने वजीर को गोली मार दी। उन्हीं के साथ दिल्ली नंबर की एक कार में चार-पांच लोग भी सवार थे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार और अंकित उर्फ गोधू के परिवार की पिछले मुकदमें को लेकर रंजिश थी। रंजिश रखते हुए निंदाना निवासी अंकित उर्फ गोधु ने अपने परिवार के राहुल, रणबीर, साहिल उर्फ ढाला आदि के साथ मिलकर व अपने दोस्तों के साथ वजीर की गोली मारकर हत्या की है।
गैंगवार में मारा गया बेकसूर बल्लू नंबरदार
किशनगढ़ निवासी बल्लू लंबरदार (60) का निंदाना की रंजिश से कोई संबंध नहीं था। हमलावर वजीर को मारने के लिए आए थे। हमलावर गोली चलाते हुए वजीर के पीछे भाग रहे थे। ज्यों ही तंबाकू की दुकान के सामने गोली चली, वह बल्लू नंबरदार के सिर में जा लगी। उनको पीजीआई में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बल्लू लंबरदार गांव में खेती करते थे। वह चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनके परिवार में छोटा भाई, एक बेटा, पुत्रवधू और दो पोते हैं। दोनों भाइयों की बेटियां शादीशुदा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बल्लू नंबरदार हंसमुख स्वभाव के थे। कुछ साल पहले बल्लू के दोनों दामाद की आकस्मिक मौत हो गई थी। इसके बावजूद संयम से उन्होंने पूरे परिवार को संभाले रखा था। अब इस घटना के बाद परिवार ही नहीं पूरे गांव में मातम का माहौल है।