Saturday, October 19, 2024
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किसान आंदोलन : केंद्र और किसानों के बीच तीसरी बैठक का क्‍या रहा नतीजा, केंद्रीय मंत्री ने बताया

किसान आंदोलन को समाप्‍त करने के लिए किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत का दौर लगातार जारी है। गुरुवार को देर रात 1:30 बजे तक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की मौजूदगी में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा व नित्यानंद के बीच तीसरे दौर की बातचीत चली।

चंडीगढ़। किसान आंदोलन : एमएसपी की गारंटी के साथ 11 अन्‍य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। आज इस कड़ी में किसान संगठन की ओर से आज के लिए भारत बंद (ग्रामीण) का आवाह्न किया गया है। सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद का असर देश के तमाम‍ हिस्‍सों में देखने को मिलेगा। इस आंदोलन को समाप्‍त करने के लिए किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत का दौर लगातार जारी है। गुरुवार को देर रात 1:30 बजे तक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की मौजूदगी में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा व नित्यानंद के बीच तीसरे दौर की वार्ता चली।इस बातचीत का क्‍या हल निकला, इसके बारे में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने जानकारी दी है।

किसानों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण आंदोलन करते रहेंगे। हरियाणा सरकार हम पर गोलियां चलवा रही है। सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। किसानों ने सरकार के सामने 13 मांगें रखी हैं, जिसमें लखीमपुर खीरी, गृह मंत्रालय, रेलवे और नए कानूनों के तहत किए गए मामलों और फर्जी बीज पर रोक लगाने जैसी मांगें शामिल हैं। किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच हो रही तीसरे दौर की बातचीत भी फेल हो गई है। सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक में कोई सफलता नहीं मिली है। दरअसल, किसान लगातार MSP को लेकर अड़े हुए हैं। इसके साथ ही सरकार ने बताया कि एमएसपी को रातों-रात वैध क्यों नहीं किया जा सकता।

ये बोले केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच तीसरे दौर की बातचीत में बहुत सकारात्मक चर्चा हुई। बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है कि अगली बैठक रविवार 18 फरवरी को शाम 6 बजे होगी। शुक्रवार दे रात तक लगभग पांच घंटे तक चली वार्ता के बाद मुंडा ने कहा कि हम सभी शांतिपूर्वक इस मामले का हल निकालेंगे। सामने आया है कि सरकार ने किसानों को बताया कि पंजाब और हरियाणा के किसानों के गेहूं और धान की एमएसपी पर खरीद पहले ही सुनिश्चित हो चुकी है। गन्ना, देश में सबसे ज्यादा रेट पर है और कपास की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की गई है। फिर भी किसान सभी फसलों के लिए एमएसपी पर अड़े हुए हैं।

बैठक में मौजूद थे भगवंत मान, क्या बोले?

किसान और सरकार के बीच हुई बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आज लंबी बातचीत किसानों और केंद्र के बीच हुई है। एक हफ्ते में तीसरी बैठक हुई है। किसान आंदोलन से पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित है। हर विषय पर बड़े विस्तार से चर्चा हुई है। बहुत ही सकारत्मक माहौल में बात हुई है। उन्होंने तीन जिले में इंटरनेट पर लगाई गई पाबंदियों पर भी बात की। सीएम मान ने बताया कि छात्रों की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं और इंटरनेट को लेकर केंद्र सरकार के सामने मुद्दा उठाया गया है। किसानों ने बैठक में केंद्रीय मंत्रियों को आंसू गैस गोले के टुकड़े भी दिखाए।

बैठक के बाद बोले किसान नेता

वहीं बैठक के बाद किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमारी ओर से उठाई गई सभी मांगों पर केंद्र से चर्चा हुई। हमने मुद्दों का समाधान ढूंढने के उद्देश्य से चर्चा की।’ मंत्रियों ने कहा कि उन्हें समय चाहिए। हमें आशा है कि शांतिपूर्ण समाधान निकलेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम अभी भी वहीं है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का कहना है, ”विरोध शांतिपूर्वक जारी रहेगा। हम और कुछ नहीं करेंगे। हम किसानों से भी अपील करेंगे। सरकार ने बैठक बुलाई है, हम तब तक इंतजार करेंगे। रविवार को अगर हमें कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता है, तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे।

बैठक में कौन-कौन रहे शामिल

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 3 दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि तीनों मीटिंग बेनतीजा रही हैं, सरकार और किसानों के बीच गुरुवार शाम को तीसरे दौर की बातचीत हुई थी। इस बैठक में जगजीत सिंह दल्लेवाल (अध्यक्ष बीकेयू/सिद्धूपुर), शिव कुमार कक्का (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरकेएम), जरनैल सिंह (अध्यक्ष बीकेयू, खेती बचाओ), सुरजीत फुल (अध्यक्ष, बीकेयू-क्रांतिकारी), सरवन सिंह पंढेर, (समन्वयक केएमएम), अमरजीत सिंह मोहरी (अध्यक्ष, बीकेयू-शहीद भगत सिंह), सुखजिंदर खोसा (अध्यक्ष, बीकेयू/खोसा), मंजीत राय (अध्यक्ष दोआबा किसान यूनियन), बलवंत सिंह बेहरामके (अध्यक्ष, बीकेयू/बेहरामके), जसविंदर सिंह लोंगोवाल (अध्यक्ष, बीकेयू/एकता आज़ाद), कुरुबु शांता कुमार (अध्यक्ष, कर्नाटक, गन्ना किसान संघ), बचित्तर सिंह कोटला, अशोक बुलारा, लखविंदर सिंह औलख शामिल रहे।

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