किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पंजाब के तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का मामला गरमाता जा रहा है। इंटरनेट शटडाउन के मुद्दे पर पंजाब और केंद्र एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई है।
उन्होंने इस सेवा को तत्काल बहाल करने की भी मांग की। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि केंद्र द्वारा पंजाब के तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद करना पूरी तरह से गलत है। इस मामले में केंद्र सरकार से आपत्ति दर्ज कराई गई है। इसका संज्ञान खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लिया है।
दरअसल, पंजाब के किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर 12 फरवरी को फतेहगढ़ साहिब में एकजुट होकर प्रदर्शन किया था। उसी रात शाम 5.30 बजे चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनकी एक घंटे की बैठक जब विफल रही तो उन्होंने 13 फरवरी को दिल्ली जाने का फैसला किया।
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इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सार्वजनिक आपातकाल और सार्वजनिक सुरक्षा नियम, 2017 का हवाला देते हुए राज्य के तीन जिलों, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला और संगरूर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था। इसके चलते 13 फरवरी को जब लोगों को दिक्कत हुई तो यह मामला फतेहगढ़ साहिब प्रशासन और सांसद डॉ. अमर सिंह तक पहुंचा।
उन्होंने जांच की तो पता चला कि केंद्र सरकार ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। फिर मामला सरकार तक पहुंच गया। फिलहाल यह सेवा 16 तारीख तक बंद रहेगी। इससे पहले पंजाब सरकार ने बुधवार को हरियाणा सरकार को पत्र लिखा था। पत्र में उनके ड्रोन के पंजाब क्षेत्र में आने और आंसू गैस के गोले छोड़ने का मुद्दा उठाया गया था। इस बात पर कड़ी आपत्ति भी दर्ज करायी गयी। इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा की सियासत गरमा गई है।