एक तरफ जहां शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गहन चर्चा चल रही है। वहीं दूसरी ओर शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन लगभग टूट चुका है। बहुजन समाज पार्टी ने ऐलान किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही बीएसपी नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को अकाली दल के नेताओं से दूरी बनाए रखने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी की प्रदेश स्तरीय बैठक चंडीगढ़ के अंबेडकर भवन में हुई है। जिसमें प्रदेश स्तरीय बहुजन समाज पार्टी कमेटी के जिम्मेदार नेता मौजूद रहे। इस दौरान प्रदेश कमेटी की बैठक में बहुजन समाज पार्टी के केंद्रीय संयोजक पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा प्रदेश प्रभारी रणधीर सिंह बैनीवाल विशेष रूप से पहुंचे। चार घंटे तक चली मैराथन मंथन बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि शिरोमणि अकाली दल लगातार बहुजन समाज पार्टी को नजरअंदाज करते हुए भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जो दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, किसानों पर अत्याचार करने के लिए असंवैधानिक नीतियां बनाकर भारतीय संविधान को बदलने का काम कर रही है। बहुजन समाज पार्टी कभी भी भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन नहीं कर सकती, क्योंकि भाजपा भारत के संविधान को बदलने का काम कर रही है। वहां पंजाब के साथ सांप्रदायिक मुद्दे, किसान मुद्दे, बंदी सिंह मुद्दे, भारतीय संविधान को बदलना मुख्य मुद्दा है।
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पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तीन कृषि कानूनों पर विवाद के बाद बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल की राहें अलग हो गई थीं। इसके बाद अकाली दल और बसपा के बीच गठबंधन हो गया. दोनों पार्टियों ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें अकाली दल को तीन और बसपा को एक सीट पर जीत मिली थी। लेकिन काफी समय से दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे। आरोप थे कि दोनों के बीच मुलाकात भी नहीं हो रही थी. इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल की ओर से बीएसपी नेताओं को अपने कार्यक्रमों में शामिल नहीं किया जा रहा है।