चंडीगढ़। हरियाणा में पटवारी-कानूनगो की हड़ताल आज खत्म हो गई। सरकार की ओर से उनकी मांगे मान ली गई हैं। दो दौर की वार्ता के बाद सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है। सीएम मनोहर लाल की मंजूरी के बाद लेटर भी जारी कर दिया है। इधर रोहतक से इसका पटवारी और कानूनगो अपनी हड़ताल समाप्ति का ऐलान कर दिया गया है। पटवारी व कानूनगो अपनी मांगों को लेकर तीन जनवरी से हड़ताल पर बैठे हैं। पटवारी ग्रेड-पे विसंगति और एश्योर करियर प्रमोशन (ACP) को लेकर मांग रहे हैं।
सोमवार से काम पर लौटेंगे पटवारी
शनिवार सुबह तहसील कार्यालय परिसर में एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष जयवीर चहल ने कहा कि सरकार से हुई बातचीत में हमारी सारी बातें मान ली गई हैं। सरकार की ओर से इन्हें शीघ्र पूरा करने का आश्वासन मिला है। इसलिए सभी पटवारी व कानूनगो सोमवार से काम पर लौट आएंगे। पटवारी से नायब तहसीलदार बनने की परीक्षा कराने की मांग मान ली गई है। यह परीक्षा 18 से 22 मार्च तक होगी। इसके अलावा पे ग्रेड, नई भर्ती प्रक्रिया कौशल विकास के तहत करने की मांग भी मान ली गई है। इस मौके पर जिला प्रधान पवन कुमार, उप प्रधान रवि सैनी, पवन संवारिया अन्य पटवारी मौजूद रहे।
पहली मीटिंग रही थी बेनतीजा
हरियाणा में पटवारियों की हड़ताल के कारण फरद देने और रजिस्ट्री से संबंधित करीब 75 काम अधर में लटके हुए हैं। हरियाणा में पटवारी-कानूनगो की हड़ताल को खत्म कराने के लिए सरकार की ओर से दो बार वार्ता की गई। पहली मीटिंग 12 दिन पहले वित्त विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के साथ चंडीगढ़ में हुई थी। यह मीटिंग बेनतीजा रही थी। इसके बाद दूसरी मीटिंग फाइनेंशियल कमिश्नर रेवेन्यू (FCR) के साथ वर्चुअल रूप में की गई थी, इसमें मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया था। इसके बाद पटवारियों ने अपनी हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया था।
हड़ताल से 400 करोड़ का राजस्व नुकसान
राज्य में पटवारियों और कानूनगो ने एसोसिएशन की आह्वान पर तहसीलों में धरने – प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। हड़ताल के कारण लोगों को तहसीलों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जमीन की रजिस्ट्री और ट्रांसफर सहित पटवारी और कानूनगो के अंतर्गत आने वाले 75 तरह के काम नहीं हो रहे हैं। नए साल की शुरुआत से ही यह सभी काम पूरी तरह ठप पड़े हुए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पटवारियों की हड़ताल के चलते अब तक करीब 400 करोड़ रुपए का घाटा हो चुका है।