नई दिल्ली। दिल्ली कर्तव्य पथ पर हरियाणा की झांकी का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। आज 26 जनवरी के उपल्क्ष में दिल्ली में कर्तव्य पथ आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा की झांकी निकाली गई। अबकी बार हरियाणा की झांकी ‘मेरा परिवार-मेरी पहचान’ थीम पर आधारित थी। झांकी में राखी गढ़ी खुदाई में मिले चित्रों से लेकर फूलों के खेत में काम करती महिलाएं दिखाई दी। सबसे आगे मेरा परिवार मेरी पहचान से झांकी की शुरुआत की गयी।
‘मेरा परिवार-मेरी पहचान’
हरियाणा के सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के डीजी मंदीप सिंह बराड़ ने बताया कि हरियाणा की झांकी का कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन के लिए तीसरी बार चयन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ कमेटी द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि हरियाणा ऑनलाइन सेवाओं के लिए पहले ही देश भर में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।इसी के तहत दिल्ली में धौला कुआं के नजदीक राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में तैयार झांकी ‘मेरा परिवार-मेरी पहचान’ कार्यक्रम की शुरुआत आम जन को घरद्वार पर सरकारी सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर की गई ।उन्होंने कहा कि इस बार की हरियाणा की झांकी भारत सरकार की थीम ‘विकसित भारत’ के साथ सटीक बैठती है, जिसमें विरासत और विकास का सामंजस्य दिखाई देगा।
सुनाई दिया ये गीत
हरियाणा की झांकी के साथ दोनों तरफ हरियाणवी पारम्परिक वेशभूषा में महिला कलाकार हरियाणवी नृत्य करती नजर आई । इस दौरान हरियाणवी बोली में गीत भी बजता है, जिसके बोल है, ‘जय हरियाणा, विकसित हरियाणा, सीधे साधे लोग है इसके, दूध दही का पीणा खाणा, सुंदर सड़कें समतल चौड़ा, यातायात का ताना-बाना, पल-पल चलती रेल मेट्रो सुगम सभी का आना-जाना, सुख, समृद्धि, खुशहाली और अमन चैन का यहां ठिकाना, वर्तमान है उज्जवल इसका, भविष्य सुरक्षित सबने माना, इतना सब कुछ मेरे सुबे में क्युं ना मन चाहवै इतराणा–जय हरियाणा’।झांकी के अग्रणी भाग (ट्रैक्टर) में एक स्कूली छात्रा दर्शायी गई है, जिसके हाथ में टैबलेट है, जो डिजिटल हरियाणा का प्रतीक हैझांकी के पीछे वाले भाग (ट्राला) पर सबसे पहले हरियाणा में फूलों की खेती करती महिला किसान दर्शाई गई है जो कि आधुनिक खेती के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण का परिचायक है।
ऐसे होता है झांकियों का चयन
डीजी बराड़ ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की गठित विशेषज्ञ कमेटी हर साल राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झांकियों के चयन की प्रक्रिया नवंबर माह में शुरू करती है, जिसमें सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश व मंत्रालय अपनी-अपनी थीम पर झांकी संबंधित जानकारी विशेषज्ञ कमेटी के समक्ष रखते हैं। विशेषज्ञ कमेटी प्रासंगिकता और केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए थीम के आधार पर झांकियों का चयन करती है।
राखी गढ़ी का ऐतिहासिक महत्व बताया
डीजी बराड़ ने बताया कि झांकी में राखी गढ़ी में मिले प्राचीन सभ्यता के खजाने को दर्शाया गया है। झांकी में परिवार पहचान पत्र (PPP) के जरिए लाभार्थियों के दरवाजे पर सरकारी योजनाओं का सीधे लाभ प्रदान करने का डिजिटल प्लेटफार्म दिखाया गया है। फूलों की खेती के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के अवसरों को भी दर्शाया गया है।झांकी में सबसे आगे हाथ में टेबलेट लिए एक छात्रा को दर्शाया गया है, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जमीनी स्तर पर डिजिटल इंडिया मुहिम को मूर्त रूप देने की सोच के अनुरूप राज्य की सफलता का प्रतीक है।
झांकी में ये भी दिखा
डीजी ने बताया कि झांकी का पिछला भाग नए भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करता नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर नए उन्नत भारत के गौरव का जश्न मनाया जा रहा है। विकसित हरियाणा में मेट्रो प्रणाली, शहरी विकास का अनूठा मॉडल, औद्योगिकीकरण, IT हब के रूप में पहचान बना चुका हरियाणा, आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में अग्रणी हरियाणा की तस्वीर प्रदर्शित की गई है।
2022 में गीता महोत्सव पर आधारित थी थीम
महानिदेशक बराड़ ने कहा कि लगातार तीसरी बार हरियाणा की झांकी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बन रही है। गत वर्ष गणतंत्र दिवस पर हरियाणा ने ‘ अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव’ थीम पर भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप को लेकर झांकी प्रदर्शित की थी। इससे पहले, हरियाणा खेलों में अपनी उपलब्धियों को दर्शाते हुए ‘खेलों में नंबर वन हरियाणा’ थीम पर अपनी झांकी प्रदर्शित कर चुका है।हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भले ही छोटा राज्य हो, लेकिन उद्योग, कृषि और विविध प्रकार के व्यवसाय के लिए देश में सदैव अग्रणी पंक्ति में रहा है।