Monday, November 25, 2024
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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लगाई हिसार DC को फटकार, जानिए क्या थी वजह

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बंधुआ मजदूरों को लेकर हिसार DC को लगाई फटकार, कहा - उनके मन मे न्यायालय के लिए कोई सम्मान नहीं? ऐसे में वह बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए।

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बंधुआ मजदूरों को लेकर हिसार DC को जबरदस्त फटकार लगाई है। हिसार में ईंट भट्टा मालिक ने बंधुआ मजदूरों को कैद करके रखा है। जिसको लेकर हाईकोर्ट ने हिसार डीसी को बंधक बनाए मजदूरों को छुड़वाने के आदेश दिए थे। लेकिन डीसी ने इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर हाई कोर्ट ने डीसी को जमकर फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि डीसी के मन मे न्यायालय व उसके आदेश के लिए कोई सम्मान नहीं है। ऐसे में वह बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए।

दरअसल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हिसार निवासी रवि ने एडवोकेट सर्वेश गुप्ता के माध्यम से बताया था कि उसके कुछ रिश्तेदारों को ईंट भट्टा मालिक जून में दिहाड़ी पर अपने साथ लेकर गए थे। इसके बाद न तो उन्हें पैसे दिए गए और न ही वहां से बाहर जाने दिया जा रहा है। हाई कोर्ट ने इस मामले में तीन जनवरी को हिसार के डीसी को आदेश दिया था कि इस याचिका को बंधुआ मजदूरी निरोधक अधिनियम के तहत शिकायत मानते हुए बंधक बनाए मजदूरों को छुड़वाया जाए।

याची ने बताया कि इस आदेश के बारे में डीसी को चार जनवरी को जानकारी दे दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर हाई कोर्ट ने 15 जनवरी को डीसी को इस पर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया था। अपने जवाब में उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर को उन्हें इस संदर्भ में रिपोर्ट मिल चुकी थी और इसे उन्होंने एडवोकेट जनरल को भेज दिया था।

हाईकोर्ट ने डीसी के हलफनामे को देखने के बाद कहा कि यह हलफनामा अभिमान के साथ और बेहद अनौपचारिक रूप से लिखा गया है। तीन जनवरी के आदेश का पालन दिखाने के लिए 20 दिसंबर की रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि डीसी के मन में न्यायालय के लिए सम्मान मौजूद नहीं है। ऐसे में हाई कोर्ट ने डीसी को अवमानना नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना के तहत कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने बंधुआ मजदूरों को छुड़वाने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है।

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