रोहतक। पहाड़ों पर ‘सफ़ेद आफत’ यानि बर्फबारी की वजह से जहां मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ रही है, वहीं इसका असर नदियों के जल स्तर पर भी देखा जा रहा है। यमुना नदी, पश्चिमी यमुना नदी व पूर्वी यमुना नदी में क्षमता से कई गुना कम पानी का बहाव है। हथनीकुंड बैराज पर इन दिनों 2700 से 3000 क्यूसेक पानी का बहाव है। नवंबर के अंतिम सप्ताह से बहाव लगातार घट रहा है।
हथनीकुंड बैराज से अलग हो रही पश्चिमी यमुना नहर की क्षमता 22 हजार क्यूसेक है। इन दिनों इसमें घटकर दो हजार क्यूसिक तक रह गया है। यमुना नदी व पश्चिमी यमुना नहर दोनों का संबंध दिल्ली व दक्षिण हरियाणा से है। यह नदियां न केवल हरियाणा में जलस्तर मेंटेन रखने में कारगर है, बल्कि हरियाणा के विभिन्न जिलों की भी प्यास बुझा रही हैं। कई इलाकों में पश्चिमी यमुना नहर के जरिए सिंचाई होती है। डिमांड करीब छह हजार क्यूसेक की आ रही है, जबकि सप्लाई करीब दो हजार क्यूसेक है।
पानी की कम सप्लाई होने की वजह से रोहतक में भी सर्दी के सीजन में भी आमजन को दोनों समय पेयजल नहीं मिल रहा। जनस्वास्थ्य विभाग ने पिछले सप्ताह ही पानी छोड़ने के लिए कहा था। हालांकि सिंचाई विभाग का तर्क है कि पहाड़ों पर बर्फ जम गई है, ऐसे में रा वाटर का नहरों में संकट है। जनस्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उन्हें सूचना मिली है कि अब दो जनवरी को जेएलएन नहर में पानी छोड़ा जाएगा, जोकि रोहतक तक चार जनवरी तक पहुंच जाएगा। इसलिए शहर में एक समय ही पानी की आपूर्ति हो रही है। यदि निर्धारित समय के अनुसार पानी पहुंचा तो पांच जनवरी से जल संकट दूर हो सकता है।
शहरी इलाके में पेयजल आपूर्ति के लिए जेएलएन नहर से जनस्वास्थ्य विभाग के जलघरों को पानी मिलता है। तभी शहर की जनता को पीने के लिए पानी मिलता है। जेएलएन नहर से पेयजल आपूर्ति 18 दिसंबर से ही बंद हो चुकी थी। अब 4 जनवरी को रोस्टर के मुताबिक पानी की आपूर्ति होनी है। इससे शहर के लोगों को सर्दी में बाहर से पानी लेकर आना पड़ रहा है। टेल तक पानी न पहुंचने के कारण विभाग द्वारा पानी के टैंकरों की आपूर्ति भी नहीं की जा रही है। इससे आमजन को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है, लेकिन विभाग सुचारू रूप से इसका संचालन नहीं कर पा रहा है। आमजन शिकायत भी भेज रहे हैं, उसके बाद भी सुनवाई नहीं की जा रही है।
इन इलाकों में मिलेगी दो समय पानी की आपूर्ति
शहर की जनता कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड, बोहर गांव, बलियाणा, गढ़ी बोहर, रामगोपाल कॉलोनी, ताऊ नगर, विशाल नगर, देव कॉलोनी, अस्थल बोहर का आउटर इलाका, जसबीर कॉलोनी समेत अन्य कॉलोनियों में पेयजल समस्या बनी हुई है। यही नहीं कुछ कॉलोनियों में पानी का प्रेशर बिल्कुल भी न आने से समस्या ज्यादा पनपी हुई है, जिसका मुख्य कारण है लोग घरों में ज्यादा पावर की मोटर लगवा लेते हैं, इससे पानी की सप्लाई आगे जाने में समस्या आती है। अब इन इलाकों में 4 जनवरी से दोनों समय पेयजल आपूर्ति दी जाएगी।
जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ राजेश कुमार ने बताया कि जेएलएन नहर से पेयजल आपूर्ति सात दिसंबर को ही बंद हो चुकी ही है। है। भालौठ नहर से 16 दिसंबर से पानी नहीं मिल रहा। जेएलएन नहर से नियमानुसार पानी की आपूर्ति 25 दिसंबर को ही होनी थी, लेकिन नहरी पानी ऊपर से ही नहीं आ रहा। इसलिए जब तक नहरी पानी नहीं मिलेगा तब तक आमजन से सहयोग की अपील की है। यह भी कहा कि अभी शहर में सुबह के समय अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है।
भालौठ सब ब्रांच नहर से 150 क्यूसिक पानी लिया है। नहर आने का समय भी नजदीक है। इससे कुछ इलाके प्रभावित हैं, उनमें अब निरंतर सप्लाई आएगी। फिर भी समस्या है तो इसकी जांच की जाएगी।
पूरा पानी मिले और समय पर आए नहर
जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जेएलएन नहर करीब 3200 क्यूसेक क्षमता की है, लेकिन इससे भी हमें 2100- 2200 क्यूसेक ही पानी मिलता है। इसी तरह से भालौठ नहर 1250 क्यूसेक क्षमता की है। इसमें भी रोस्टर के अनुसार पानी की आपूर्ति होने पर 500-700 क्यूसेक ही पानी मिलता है। रोस्टर के अनुसार समय पर भी आपूर्ति नहीं होती।