खरखौदा। खरखौदा के गांव गोरड में देर रात को तीन चचेरे भाइयों पर दो दर्जन से अधिक युवकों ने हमला कर दिया। नुकीले हथियारों से तीनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिनमे से एक की मौत हो गई और दो की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि एक भाई फ़ास्ट फ़ूड कॉर्नर चलाता था और रात को दूकान बंद होने के बाद उसने कुछ युवकों को खाना देने से मना कर दिया था। जिस पर युवकों ने फास्ट फूड दुकान संचालक और नवचयनित आईटीआई इंस्टेक्टर धर्मेंद्र की पीटकर व नुकीले हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई। हमले में उनके दो भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
दुकान बंद होने के बाद आए थे आरोपित
जानकारी के अनुसार गांव गोरड निवासी धर्मेंद्र (30) गांव में ही फास्ट फूड की दुकान चलाते थे। देर रात करीब 11 बजे वह घर जा चुके थे। दुकान पर उनके पास काम करने वाला नेपाली कारिंदा मौजूद था। रविवार रात को गांव के ही सुरेंद्र के परिवार में बच्चे के जन्म पर कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें उनके परिचित व रिश्तेदार आए हुए थे। रात को उनमें से करीब 20-25 युवक धर्मेंद्र की फास्ट फूड की दुकान पर पहुंच गए। उन्होंने नेपाली कारिंदे से खाने का सामान बनाकर देने की मांग की। इस पर कारिंदे ने रात को दुकान बंद होने की बात कही। बताया जा रहा है कि युवक उस पर खाने का सामान तैयार करने का दबाव बनाने लगे। इस पर उसने धर्मेंद्र को कॉल की। धर्मेंद्र अपने चचेरे भाई वीरेंद्र व दलेल सिंह को लेकर दुकान पर पहुंचा और युवकों को दुकान बंद होने का हवाला देकर समझाने का प्रयास किया।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
आरोप है कि युवकों ने बहस कर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। बुरी तरह पीटने के साथ ही उन पर नुकीले हथियार से हमला भी किया गया। जिससे तीनों भाई घायल हो गए। ग्रामीणों के आने पर हमलावर भाग गए। जिस पर घायलों को सोनीपत के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर धर्मेंद्र की मौत हो गई। सूचना के बाद पहुंची खरखौदा पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मौके पर लगे सीसीटीवी की फुटेज लेकर हमलावरों की पहचान व तलाश की जा रही है। गांव में फास्ट फूड की दुकान चलाने वाले धर्मेंद्र का चयन आईटीआई में इंस्ट्रक्टर के पद पर हो चुका था। हालांकि अभी उन्होंने नियुक्ति नहीं पाई थी। बताया जा रहा है कि परिवार में वह अकेला कमाने वाला था।