रोहतक। डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को मिली 21 दिन की फरलो का समय बुधवार को पूरा हो गया है। बागपत के बरनावा आश्रम से किसी भी समय राम रहीम को आज रोहतक की सुनारियां जेल में शिफ्ट किया जा सकता है। बागपत और हरियाणा पुलिस राम रहीम को लेकर हरियाणा रवाना होगी, जहां से उनका नया ठिकाना एक बार फिर से रोहतक की सुनारियां जेल बन जाएगा। वह आज दोपहर को करीब 2 बजे बरनावा आश्रम से रवाना हो जाएगा और देर शाम तक सरेंडर कर देगा।
बरवाना आश्रम से सुनारिया जेल
बता दें कि पिछले 21 दिनों से राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम में रह रहे थे। उसे पुलिस उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरवाना आश्रम से सुनारिया जेल में 13 दिसंबर को लेकर रोहतक आएगी। कोर्ट ने उनकी 21 दिन की फरलो मंजूर की थी, जिसके बाद वह कड़ी सुरक्षा में आश्रम लाए गए थे। इस दौरान वह अपने परिवार और मुंहबोली बेटी हनीप्रीत के साथ भी रहा। गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं के साथ रेप के आरोप में 20 साल और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिली है।
8वीं बार जेल से बाहर आया राम रहीम
जेल में रामरहीम को कैदी नंबर 8647 दिया गया है। वह 12वीं बार जेल से बाहर आया था। आठवीं बार पैरोल या फरलो मिली थी। जेल अधीक्षक ने मंगलवार को जेल की आंतरिक सुरक्षा का जायजा लिया। जबकि बाहर शिवाजी कॉलोनी थाना पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। इससे पहले सात बार राम रहीम पैरोल पर बाहर आया और एक-एक महीने तक बागपत के बरनावा आश्रम में रहा। इस दौरान राम रहीम ने अपने साद संगत (अनुयायी) से भी बातचीत की और चुनाव को लेकर भी बरनावा आश्रम से बड़े फैसले लिए। अबकी बार राम रहीम पैरोल पर नहीं बल्कि फरलो पर बाहर आया था। पूर्व में राम रहीम को 30 से 45 दिन का पैरोल मिलता रहा है, लेकिन इस बार कोर्ट ने उनकी 21 दिन की फरलो मंजूर की थी।
क्या होता हैं फरलो और पैरोल में फर्क
इस बार राम रहीम को पैरोल नहीं बल्कि फरलो मिला था, इसलिए यहां यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि पैरोल और फरलो में क्या फर्क होता है। बता दें कि कैदी को पैरोल की सुविधा उसके व्यवहार और सजा काटने के तरीके के आधार पर दी जाती है। इससे वह सामाजिक संबंधों को सुधार सकता है और कुछ महत्वपूर्ण कामों को निपटा सकता है। फरलो के बारे में जानकारी यह है कि वह एक छूट होती है, जिसे जेल में बंद कैदी स्वतंत्रता के रूप में प्राप्त करता है।