Friday, November 22, 2024
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हरियाणा में बिजली चोरो को पकड़ने के लिए आ गए स्मार्ट मीटर, छेड़छाड़ करते ही खुलेगी पोल

हरियाणा में बिजली चोरों के लिए बुरी खबर है। अब गांव या शहरों में लोग बिजली मीटर के साथ छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। क्योकि बिजली विभाग द्वारा अब ऐसे स्मार्ट मीटर लगाए जायेंगे जिनमें लगे सॉफ्टवेयर आपकी चोरी को तुरंत पकड़ लेगा।

हरियाणा। हरियाणा में बिजली चोरों के लिए बुरी खबर है। अब गांव या शहरों में लोग बिजली मीटर के साथ छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। क्योकि बिजली विभाग द्वारा अब ऐसे स्मार्ट मीटर लगाए जायेंगे जिनमें लगे सॉफ्टवेयर आपकी चोरी को तुरंत पकड़ लेगा। मीटर में सॉफ्टवेयर लगाया गया है कि जैसे ही मीटर के साथ छेड़छाड़ होगी वह पहली से पूरी स्पीड से चलने लगेगा। इससे आप तुरंत पकड़ में आ जाओगे कि आपने कोई डिवाइस लगाकर मीटर से छेड़छाड़ करने की कोशिश की है।

आपको बता दें कि शहर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद, ग्रेटर फरीदाबाद एवं बल्लभगढ़ डिविजन में पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। अब तक सबसे ज्यादा मीटर लगाने का काम एनआईटी डिविजन में किया गया है। एनआईटी डिविजन में अब तक 38 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) ने प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर के माध्यम से उत्पन्न बिजली बिल पर पांच प्रतिशत की छूट की पेशकश की है। यानी स्मार्ट मीटर में आपको प्रीपेड की सुविधा भी मिलेगी। इससे लोगों को अधिक बिजली बिल आने की समस्या से छुटकारा मिलेगा और जितना आप रिचार्ज कराएंगे, उतना ही बिल आपको चुकता करना होगा। ऐसा करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली निगम की तरफ से 5 प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।

नए स्मार्ट मीटर में लगे सॉफ्टवेयर के अनुसार

स्मार्ट मीटर में प्रीपेड की सुविधा होगी, जिसके लिए आपको फोन से रिचार्ज करना होगा।
स्मार्ट मीटर में बिना रिचार्ज किए आप बिजली नहीं जला पाएगे।
मोबाइल की तरह रिचार्ज के प्लान के मुताबिक आप बिजली खपत कर सकेंगे।
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को पहले से ही पता होगा कि कितना बिजली बिल खपत करना है।
इसका फायदा ये है कि अगर आप बाहर जाते हैं तो आपको एक भी रुपये नहीं देना होगा।

पुराने मीटर के अनुसार

पुराने मीटर को लोग आसानी से बंद कर सकते थे।
पुराने मीटर में छेड़छाड़ करना काफी आसान था।
100 यूनिट बिजली जलाने पर मीटर में 10 यूनिट रीडिंग ही होता था। ऐसे में बिजली कंपनी को काफी नुकसान होता था।
कई लोग अपने मीटर में आसानी से सर्किट लगा देते थे।
पुराने मीटर से बिजली चोरी का असर ईमानदारी से बिल भरने वाले उपभोक्ताओं पर पड़ रहा था।

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