Mission Gaganyaan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान इसरो नए-नए कीर्तिमान हासिल करता जा रहा है। चांद पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो ने अब अतंरिक्ष में यात्रियों को भेजने की योजना बना ली है। इसको गगनयान मिशन का नाम दिया गया है। अगर इसरो का ये मिशन सफल हो जाता है तो भारत के नाम अंतरिक्ष में एक और उपलब्धि दर्ज हो जायेगी।
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने बताया, तैयारियां जोरों से चल रही हैं. यान प्रणाली के सभी हिस्से (प्रक्षेपण के लिए)श्री हरिकोटा पहुंच गये हैं। उन्हें जोड़ने का काम जारी है। हम अक्टूबर महीने के अंत में इसे प्रक्षेपित करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि इस क्रू एस्केप सिस्टम के साथ हम उच्च दबाव और ‘ट्रांससोनिक स्थितियों’ जैसी विभिन्न परिस्थितियों का परीक्षण करेंगे।
अगले साल लॉन्च होगा मिशन (Mission Gaganyaan)
900 करोड़ रुपये की लागत का यह अभियान अगले साल 2024 में लॉन्च होगा। इससे पहले इसके लिए तीन वाहन परीक्षण किए जाने हैं। इनमें पहला वाहन परीक्षण मिशन टीवी-डी1, दूसरा टीवी-डी2 मिशन और तीसरा परीक्षण एलवीएम3-जी1 होगा। यह मिशन मानव रहित होगा।
इसरो का कहना है कि बहुत ही जल्द गगनयान के परीक्षण वाहन को लॉन्च किया जाएगा। ताकि क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण किया जा सके। इसके लिए फ्लाइट टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन-1 (टीवी-डी1) की तैयारी चल रही है। पहले रोबोट और ह्यूमनोइड (मानव जैसा रोबोट) को अंतरिक्ष में भेजकर क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। गगनायान के तीसरे वाहन परीक्षण एलवीएम3-जी1 के तहत जिस ह्यूमनोइड को भेजा जाएगा, उसके जरिये क्रू के सामने आने वाली तमाम चुनौतियों की जानकारी जुटाई जायेगी।
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष अभियान
बता दें कि ये भारत का पहला मानव अंतरिक्ष अभियान होगा। इस अभियान के अंतर्गत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी की कक्षा में पहुंचाकर वापस सुरक्षित धरती पर लाया जायेगा।