रोहतक। रोहतक में प्रॉपर्टी के लिए रिश्तों के बीच खूनी संघर्ष के मामले आम बात है लेकिन एक बेटे ने प्रॉपर्टी के लिए अपनी मां को ऐसी दर्दनाक मौत दी कि देखने वालों की रूंह तक कांप गई। कलयुगी बेटे ने अपनी मां के सिर पर हथौड़े से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। अब रोहतक की एएसजे डॉक्टर गगनगीत कौर की अदालत ने दिल्ली के टिकरी गांव के युवक सोनू को प्रॉपर्टी के लिए मां की हत्या करने का दोषी करार दिया है। अदालत ने सोनू को उम्रकैद व एक लाख 15 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने घर में घुसने की धारा 452 के तहत 7 साल की कैद, सात हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना न देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। वहीँ जान से मारने की धमकी की धारा 506 के तहत सात साल की कैद, सात हजार रुपये जुर्माना और न भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई तथा मारपीट की धारा 323 के तहत एक साल की कैद, एक हजार रुपये जुर्माना और न भरने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है।
सांपला की देव कॉलोनी में रहने वाली सोनिया ने मई 2020 में सांपला थाने में शिकायत दी कि वह मूलरूप से दिल्ली के टिकरी गांव की रहने वाली है। पिता व दो भाई टिकरी गांव में रहते हैं वही एक भाई गिझी गांव में रहता है। सोनिया का पति जितेंद्र भी अलग रहता है। उसकी मां रामप्यारी भी उसके साथ देव कॉलोनी में रहती है। शाम को मां व उसके दोनों बच्चों और वह खाना खाकर सो गए।
रात एक बजे उसे मां के कमरे से चीख सुनाई दी। वह गई तो अज्ञात व्यक्ति उसकी मां के सिर में हथौड़े से वार कर रहा था। उसने बचाव करने का प्रयास किया तो उसके हाथ पर भी हथौड़ा मारा और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया। उसने घायल मां को पीजीआई में दाखिल कराया, जहां अगले दिन उसकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच की और रामप्यारी के बेटे सोनू को गिरफ्तार कर लिया। तभी से जिला अदालत में केस की सुनवाई चल रही थी। सोमवार को अदालत ने सोनू को दोषी करार दिया था।
वकील ने बताया कि गवाही के दौरान शिकायतकर्ता सोनिया ने अदालत में कहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी मां की हत्या की थी तथा शिकायत भी अज्ञात के नाम दर्ज करवाई गई थी। सोनिया ने अदालत में कहा था कि अज्ञात व्यक्ति उसका भाई सोनू नहीं है। जबकि पुलिस ने सोनू को ही गिरफ्तार किया था। क्योंकि वारदात के समय उसके मोबाइल फोन की लोकेशन घटनास्थल पर मिली थी। साथ ही उसे हथौड़ा भी बरामद किया गया था। पुख्ता सबूतों के आधार पर अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोषी युवक की रहम की याचिका पर कहा कि, उसके ऊपर मां की हत्या का गंभीर आरोप है, ऐसा व्यक्ति दया का पात्र नहीं हो सकता।