प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि राज्य के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ बैठक के दौरान कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया कि उन्हें उनके वेतन में बढ़ोतरी मिलेगी। संविदा कर्मचारी वेतन में वृद्धि सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
इससे पहले दिन में, ये कर्मचारी राज्य सरकार पर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के कारण कई यात्री फाजिल्का, लुधियाना, मोगा, होशियारपुर और कपूरथला सहित विभिन्न बस अड्डों पर फंसे रहे।
पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी संविदा कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष बलजीत सिंह ने कहा कि वे वेतन में पांच प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के वादे को लागू नहीं करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
बलजीत सिंह ने कहा कि परिवहन मंत्री भुल्लर से मुलाकात के दौरान उन्हें वेतन बढ़ोतरी का आश्वासन दिया गया है।
उन्होंने कहा कि संविदा कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल 29 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ भी बैठक करेगा, जिसमें वे अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग उठाएंगे। हड़ताल के मद्देनजर पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी की लगभग 2,500 बसें सड़कों से नदारद रहीं।
पूर्व प्रेमी ने शादीशुदा प्रेमिका का अश्लील वीडियो किया वायरल और फिर…
सिंह के मुताबिक, लगभग सात हजार संविदा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए और राज्य के स्वामित्व वाले परिवहन उपक्रम के केवल नियमित कर्मचारी ही काम पर पहुंचे हैं। हड़ताल के आह्वान से अनभिज्ञ यात्रियों को राज्य के कई हिस्सों में असुविधा का सामना करना पड़ा। अमृतसर जाने के लिए लुधियाना बस स्टैंड पर इंतजार कर रही एक महिला ने कहा, मैं आधे घंटे से अधिक समय से सरकारी बस का इंतजार कर रही हूं।
होशियारपुर बस स्टैंड पर जगजीत कौर को लुधियाना के लिए सरकारी बस नहीं मिली, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानी हुई। महिलाएं, जो आम तौर पर मुफ्त यात्रा योजना के कारण सरकारी बसों को प्राथमिकता देती हैं, उन्हें निजी बस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
Punjab, पंजाब रोडवेज और पेप्सू सड़क परिवहन निगम के संविदा कर्मचारियों ने राज्य के परिवहन मंत्री के साथ बैठक की। इसके बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी। 27 बस डिपो पर कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किया था।