अंबाला। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में अब वरिष्ठ अधिकारियों की भी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय होगी। इसके लिए रेल मंत्रालय ने लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों की समीक्षा पर रिपोर्ट और ट्रेनों में एस्कॉर्ट कर रहे जवानों की सुपरविजन अब सप्ताह में दो दिन असिस्टेंट कमिश्नर (एसी) को चेक करनी होगी। बता दें इंस्पेक्टर से पदोन्नत होकर ही अधिकारी असिस्टेंट कमिश्नर बनते हैं, जिनके पास क्षेत्र और काम का काफी अनुभव होता है।
ऐसे में अलग से इनकी ड्यूटी की गाइडलाइन जारी की गई हैं। रेलवे तकनीक से छेड़छाड़ से भी यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। इसको लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई हैं। लेवल क्रॉसिंग को तोड़ने, सिग्नल गियर के साथ छेड़छाड़ जैसे दर्ज मामलों में सात दिनों के अंदर सीनियर कमांडेंट या फिर कमांडेंट को पर्यवेक्षक नोट लगाना होगा। सीनियर डीएसई या डीएसई जांच करेंगे और 80 दिनों में रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करेंगे। इसके अलावा सप्ताह में दो दिन अलग-अलग ट्रेनों में एस्कॉर्ट कर रहे जवानों को चेक किया जाएगा।
बता दें कि पहले सभी ट्रेनों में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) गश्त करती थी, लेकिन अब सभी महत्वपूर्ण ट्रेनें आरपीएफ के पास हैं, जिनमें आरपीएफ जवानों की एस्कार्ट होती है। सप्ताह में दो दिन अलग-अलग ट्रेनों को चेक करना होगा। सप्ताह में एक दिन अपराध होने के तरीके की भी समीक्षा करनी होगी। इसकी रिपोर्ट कमांडेंट को देनी होगी। हर महीने अपने मुख्यालय के बाहर कम से कम दो बार जांच करनी होगी और मुख्यालय में यह जिम्मेदारी चार दिनों की रहेगी। ट्रेनों पर पथराव, तोड़फोड़ आदि के मामलों में भी साप्ताहिक विश्लेषण किया जाएगा कि ऐसा क्या एक रूट पर हो रहा है या नहीं, जिसकी गहनता से जांच करनी होगी।
इसके अलावा एसी संचार सुविधाओं के साथ आपदा और बड़े अपराधों को रोजनामचे और लॉग बुक में एंट्री करनी होगी। हर तीन माह में एक बार आरपीएफ पोस्ट का निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा पोस्ट पर मालखाना, हथियारों और गोला बारूद की सामग्री की भी साल में दो बार चेक कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अपराधों को रोकने के लिए गठित एसआइबी की भी निगरानी की जाएगी। पोस्ट व चौकी के साथ इनकी भी बैठक कर समय-समय पर दिशानिर्देश दिए जाएंगे।
यदि मंडल में कहीं भी बड़ी घटना हो जाती है तो उसे बिना किसी देरी के इसकी सूचना जोनल इंटेलीजेंस, मुख्यालय और आइजी को देनी होगी। रेलवे ने यात्रियों की सुविधाओं और किसी भी आपातकालीन घटना की जानकारी देने के लिए ट्विटर, कंट्रोल नंबर, वाट्सअप नंबर जारी किए हैं। इन पर भी विशेष निगरानी रखने को कहा गया है। इस पर जो भी अपराध संबंधित जानकारी आती है, उस पर तत्काल समाधान करने के निर्देश हैं ताकि यात्री सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।