पवन कुमार बंसल : दिलजले बेशक कितनी अफवाहे फैलाते रहे है कि लोकसभा चुनाव से पहले मनोहर लाल को बदल दिया जायेगा लेकिन असलियत यह है की मनोहर लाल कई बातो के लिए सदियों तक चर्चित रहेंगे और गिनिस बुक ऑफ़ वर्ड रिकॉर्ड में उनका नाम सुनहरी अक्षरों में लिखा जायेगा।
राजनीती का कोई लम्बा चौड़ा अनुभव नहीं। किसी विधायक का समर्थन नहीं और पहली बार चुनाव लड़कर दस वर्ष तक लगातार मुख्य मंत्री बने रहने एक रिकॉर्ड बनाने जा रहे है मनोहर लाल। अहीरवाल के राजा राव बीरेंद्र सिंह , विकास पुरष बंसीलाल ,दलबदल के पी एचडी भजन लाल , शमशान तक दोस्ती निभाने के डाइलॉग के लिए चर्चित ओमप्रकाश चौटाला,न्याय युद्ध चला राजीव गाँधी को सत्ता से हटाने वाले , देवीलाल ,ब्राह्मणो के मसीहा भगवत दयाल ,डमी चीफ मिनिस्ट्रर बनारसी दास गुप्ता और मास्टर हुकम सिंह को भी यह सौभाग्य नसीब नहीं हुआ जो मनोहर लाल को हुआ। हां बिल्डरों के दोस्त भूपिंदर हूडा को जरूर हुआ वो भी दस वर्ष पुरे नहीं। यदि कोई लेखक मनोहर लाल पर कोई किताब लिखेगा तो वो देश ही नहीं विदेश में भी चर्चित होगी और लेखक को लाखों रुपये की रॉयल्टी मिलेगी।
मनोहर लाल की और उपलब्धिया।
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उनकी सरकार में आरक्षण आंदोलन के दौरान पूरा प्रदेश तीन दिन तक धू -धू जला , थाने लुटे गए ,दुकाने जलाई गयी और रोहतक में सुरक्षा के लिए जजों को भी कही शेलटर लेना पड़ा लेकिन जनाब शान से मुख्य मंत्री रहे।
हरियाणा एक हरियाणवी एक के नारे के बावजूद पूरा प्रदेश जातिय रूप से विभाजित हुआ। रिटायर्ड अफसरों के लिए हरियाणा धरती पर स्वर्ग बना। बिल्डर लॉबी मालामाल।
लैपटॉप पर काम करने वाले प्रदेश को डिजिटल करने के चक्कर में पूरे प्रदेश को प्रॉपर्टी आई डी , परिवार पहचान पत्र और दुनिया भर के पोर्टलों में उलझा दिया।
दुमछल्ला।
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अगर असेंबली चुनाव के बाद भाजपा की सरकार नहीं भी बनी तो भी मनोहर लाल को कोई खास घाटा नहीं क्योंकि उम्मीद है की उससे पहले उनके बोस मोदी जी प्रधानमंत्री बन जाएंगे और वो उन्हें यानि मनोहर लाल को कहीं से राज्यसभा का मेंबर बनवा अपनी कैबिनेट में शामिल कर लेंगे नहीं तो गवर्नर तो बना ही देंगे। इसलिए मनोहर लाल कोई तनाव लेने की बजाए आनंद ले रहे है।