शंभू बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले किसान के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसके बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी और किसान संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने भारत सरकार और पंजाब सरकार के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की है कि जब तक किसान के परिवार को नौकरी और 25 लाख रुपये नहीं दिए जाते, तब तक न तो पोस्टमार्टम होगा और न ही मृतक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हाल ही में इस किसान ने शंभू बॉर्डर पर सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली थी। इसने एक सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें लिखा है कि मैं रेशम सिंह पिता सरदार जगत सिंह गांव भहोविंड पट्टी डीटी का निवासी हूं और मैं एक किसान हूं, मैं एक मजदूर और मजदूर के रूप में काम करने वाला व्यक्ति हूं। मैं समिति का सदस्य होने के नाते मानता हूं कि मोदी सरकार और पंजाब सरकार को जगाने के लिए हमें अपनी जान की कुर्बानी देनी होगी, इसलिए मैं सबसे पहले अपनी जान की कुर्बानी दे रहा हूं।
उन्होंने आगे लिखा कि मैं हर जन्म में इस समिति के खिलाफ लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहा, “दल्लेवाल साहिब, आपकी शहादत को ध्यान में रखते हुए मैं आपके समक्ष अपने प्राणों की आहुति दे रहा हूं।” इसके बाद उन्होंने नीचे अंग्रेजी में अपना हस्ताक्षर किया।
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पंधेर ने दाह संस्कार न करने की घोषणा की
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने देर शाम अपना वीडियो जारी करते हुए घोषणा की कि मृतक रेशम सिंह का न तो पोस्टमार्टम किया जाएगा और न ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। पंधेर ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि मृतक किसान का शव फिलहाल पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रखा हुआ है। किसान नीतियों से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड नोट में भी यही बात लिखी थी।
इसे देखते हुए दोनों मंचों ने मृतक की आत्महत्या के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा परिवार को 25 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, किसान का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।