रोहतक : उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने विजय दिवस के अवसर पर स्थानीय मदवि स्थित राज्य स्तरीय युद्घ स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्घांजलि दी। उन्होंने जिला सैनिक बोर्ड की ओर से युद्घ वीरांगणाओं तथा वीर शहीदों के 16 परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने युद्घ स्मारक पर आपरेशन मेघदूत, आपरेशन रहीनो व अपरेशन रक्षक के शहीदों के नाम प्रदर्शित करते पट का अनावरण भी किया।
धीरेंद्र खड़गटा ने पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र सिंह, जिला सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर गोरिका सुहाग तथा भूतपूर्व सैनिकों के साथ राज्य स्तरीय युद्घ स्मारक पर विजय दिवस के उपलक्ष में पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्घांजलि दी। उन्होंने कहा कि देश के वीर सैनिकों ने 1971 में पाकिस्तान बांगलादेश युद्घ में अपने आदम्य साहस का परिचय देकर बांगलादेश को पाकिस्तान की बरबरताओं से मुक्त करवाया तथा भारत माता का गौरव बढ़ाया। उन्होंने विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय सैनिकों की बदौलत बांगलादेश आजाद हुआ। इस अवसर पर पुलिस टुकड़ी द्वारा सशस्त्र उल्टे कर एवं मातमी धुन बजाकर शहीदों को सलामी दी।
उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने जिला सैनिक बोर्ड की सचिव विंग कमांडर गोरिका सुहाग को निर्देश दिए कि वे हर माह सिविल मिलिट्री बैठक का आयोजन करवाए ताकि भूतपूर्व सैनिकों एवं वीर शहीदों के आश्रितों की जरूरतों बारे कार्रवाई की जा सकें। उन्होंने कहा कि हम किसी भी शहीद की पूर्ति तो नहीं कर सकते, लेकिन शहीद के परिवार के दुख-दर्द में सांझीदार अवश्य बन सकते है। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों व वीर शहीदों के परिजनों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटान करवाया जाए। वीर शहीदों के आश्रितों के कल्याण की योजनाओं का संबंधित परिवारों को पूरा लाभ दिया जाए तथा किसी भी युद्ध या अन्य ऑपरेशन में शहीद होने वाले सैनिक को सरकार द्वारा शहीद का दर्जा दिए जाने तक उन्हें प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जाए।
इन्हें किया गया सम्मानित
विजय दिवस के अवसर पर उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने वीर शहीदों के परिजनों व युद्घ वीरांगणाओं को सम्मानित किया। इनमें 1971 में शहीद हुए हवलदार भगत सिंह कुंडू की माता इन्द्रावती, मेजर केएस बुधवार की धर्मपत्नी धनकौर, सिपाही ओम प्रकाश की धर्मपत्नी धनपति, लांस नायक अत्तर सिंह की धर्मपत्नी परमेश्वरी, रणधीर की धर्मपत्नी सुखदेई, सिपाही रामफल की धर्मपत्नी छोटो देवी, सिवाही महेंद्र की धर्मपत्नी चंद्रावती, 1999 में शहीद होने वाले समुंद्र सिंह के भाई रामफल हुड्डा, 2005 के शहीद सिपाही जयवीर की धर्मपत्नी सुमन, 2009 में शहीद अश्वनी की धर्मपत्नी सरिता, 2012 में शहीद हुए सिपाही रविंद्र के पिता रणबीर सिंह, 2019 में शहीद हुए सिपाही संदीप की धर्मपत्नी नीरु, 2021 में शहीद हुए हवलदार जोगेंद्र की माता बेदो तथा 2023 में शहीद हुए अंकित की धर्मपत्नी प्रीति शामिल है।
भूतपूर्व सैनिकों ने भी दी श्रद्घांजलि
विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाले भूतपूर्व सैनिकों में मेजर जनरल शमशेर सिंह, कर्नल जेएस बल्हारा, कर्नल संजीव दहिया, कर्नल आरएस सुहाग, कर्नल एसपी अहलावत, कैप्टन जगवीर मलिक, कैप्टन बलवान अहलावत, कैप्टन सुखबीर सिंह अहलावत, कैप्टन सुरेश सिंह, सुबेदार मेजर बलवान सिंह जाखड़, सुबेदार मेजर धर्मवीर सिंह, सुबेदार मेजर रामफल, सुबेदार मेजर राजकुमार शर्मा, पीओ जेएस गिल, सुबेदार राजीव खोखर, सुबेदार शमशेर बेनीवाल, सुबेदार जोगेंद्र सिंह, सुबेदार जगत सिंह, सुबेदार गोर्धन सिंह, सुबेदार संजय सिंह, सीपीओ अत्तर सिंह कादयान, एमसीपीओ सत्यवान नरवाल, एलटी रामकुमार, हवलदार नरेंद्र सिंह व रामफल हुड्डा ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।