DNA test couple story: दुनिया भर में शादी से जुड़े रीति-रिवाज भले ही अलग-अलग हों, लेकिन एक बात हर जगह सामान्य है – पति-पत्नी के बीच खून का रिश्ता नहीं होना चाहिए। हिंदू धर्म में तो जाति और गोत्र का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह परंपरा केवल सांस्कृतिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सही मानी जाती है। मेडिकल साइंस का भी कहना है कि खून के रिश्तों में शादी करने से बच्चों में जेनेटिक डिफेक्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन एक जोड़े के साथ ऐसा अनोखा मामला हुआ, जिसने सबको चौंका दिया।
एक बेहतरीन बॉन्ड, जो बना बड़ा झटका
इस कहानी की नायिका 30 साल की एक महिला है, जिसने अपनी पहचान छिपाकर सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती साझा की। उसने बताया कि वह अपने माता-पिता की गोद ली हुई संतान है। करीब 6 साल पहले वह एक लड़के से मिली और पहली ही मुलाकात में दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। यह रिश्ता जल्द ही प्यार में बदल गया और दोनों ने एक कपल की तरह साथ रहना शुरू कर दिया।
इसी दौरान, लोगों ने अक्सर कहा कि दोनों की शक्ल काफी मिलती-जुलती है। लेकिन उन्होंने इसे मजाक में ही लिया और कभी इस पर गंभीरता से नहीं सोचा। हालांकि, इस बीच दोनों ने यह निर्णय लिया कि वे बच्चे पैदा नहीं करेंगे।
DNA test couple story ने खोला राज़
हाल ही में, अपनी पारिवारिक जड़ों को खोजने के लिए दोनों ने एक डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया। करीब एक महीने बाद जब महिला ने अपने टेस्ट का रिजल्ट देखा, तो वह सदमे में चली गई। रिपोर्ट में यह सामने आया कि वह और उसका ब्वॉयफ्रेंड असल में सगे भाई-बहन हैं।
जब महिला ने यह बात अपने पार्टनर को बताई, तो वह भी पूरी तरह हैरान रह गया। उसने दोबारा टेस्ट कराने की बात कही, ताकि रिजल्ट की पुष्टि हो सके।
अब क्या होगा आगे?
महिला ने बताया कि वे पहले ही बच्चे न पैदा करने का निर्णय ले चुके थे। इसलिए, इस खुलासे के बाद भी उनके रिश्ते में कोई खास बदलाव नहीं आया। लेकिन उन्होंने माना कि इस सच ने उनके जीवन को झकझोर कर रख दिया है।
क्यों महत्वपूर्ण है खून का रिश्ता न होना?
खून के रिश्तों में शादी करने से जुड़ी परंपराओं के पीछे ठोस वैज्ञानिक कारण हैं। जेनेटिक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे रिश्तों में बच्चे होने पर गंभीर बीमारियां या विकृतियां हो सकती हैं। यही वजह है कि दुनियाभर में इस परंपरा को महत्व दिया जाता है।
इस अनोखी घटना ने दिखाया कि कैसे विज्ञान और परंपरा दोनों का मेल हमारे जीवन को प्रभावित करता है। यह कहानी न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि यह सोचने पर भी मजबूर करती है कि गोद लिए हुए बच्चों के लिए उनके जैविक परिवार को जानना कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।