कैथल के एडीसी दीपक बाबू लाल करवा खाद्य पदार्थों की गुणवता के प्रति काफी गंभीर है और उनकी अनुवाई में जहां फूड सेफ्टी मानकों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, वहीं दुकानदारों को लाइसेंस बनवाने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इनके प्रयासों की बदौलत शहर के छह प्रतिष्ठानों ने फूड सेफ्टी एक्ट के तहत अपना लाइसेंस बनवाया है।
बता दें कि पिछले दिनों खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा खाद्य पदार्थ बनाने वाले प्रतिष्ठानों पर चेकिंग की गई थी। जिसमें कई प्रतिष्ठान के पास लाइसेंस नहीं मिला था। जिसके बाद इन प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया गया था और चेतावनी देते हुए निर्धारित समय अवधि में लाइसेंस लेने के लिए कहा गया था। इसी कड़ी में 11 दिसंबर को संबंधित केसों की सुनवाई की गई और छह प्रतिष्ठानों ने कोर्ट में अपना लाइसेंस और अन्य दस्तावेज जमा करवा दिए।
उन्होंने कोर्ट को यह आश्वासन दिया कि वे भविष्य में अपना लाइसेंस को रिन्यू करवाते रहेंगे। लाइसेंस लेने वालों में मैसर्ज दलीप एंड कंपनी कैथल, मैसर्ज गौरी करियाणा स्टोर ढांड रोड कैथल, मैसर्ज गोपाल जी कंज्यूमर स्टोर ढांड रोड कैथल, मैसर्ज कामरा स्वीटस सीवन, बिकानेर मिष्ठान भंडार सीवन तथा जगदंबा करियाणा एवं हार्डवेयर स्टोर क्योड़क शामिल हैं।
एडीसी ने कहा कि सभी खाद्य पदार्थ बनाने वाले प्रतिष्ठान फूड सेफ्टी मानकों का ध्यान रखें और खाद्य पदार्थों में किसी भी प्रकार की मिलावट आदि न करें। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की देखरेख में प्रदेश में फूड सेफ्टी एक्ट लागू है। ऐसे में दूध व मिठाई विक्रेताओं को अपनी दुकानों का पंजीकरण करवाना जरूरी है। गैर पंजीकृत दुकानों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
एडीसी दीपक बाबू लाल करवा ने कहा कि चंद पैसों के लालच में खाद्य वस्तुओं में मिलावट करके किसी के जीवन से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। हमें स्वस्थ एवं स्वच्छ खाद्य पदार्थ ही तैयार करने चाहिए। मिलावट करना एक प्रकार का अपराध है और ऐसा करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने दुकानदारों से आह्वान किया कि वह अपनी दुकानों पर गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखें। कोई भी सामान निर्धारित वैद्यता के बाद ना बेचा जाए। जिला प्रशासन भी आमजन से अपील करता है कि वे मिलावटी वस्तुओं से बचें और अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें।