भारत में तपेदिक (टीबी) के मामलों में 2015 के मुकाबले 2023 में महत्वपूर्ण गिरावट आई है। 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या में टीबी के मामले 237 थे, जो 2023 में घटकर 195 प्रति 100,000 जनसंख्या हो गए हैं। इसी तरह, टीबी से होने वाली मौतों में भी कमी आई है। 2015 में प्रति लाख जनसंख्या में 28 मौतें दर्ज की गई थीं, जो 2023 में घटकर 22 प्रति लाख जनसंख्या हो गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
भारत में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत टीबी से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। एनटीईपी के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च टीबी बोझ वाले क्षेत्रों में लक्षित हस्तक्षेप किए गए हैं। इनमें टीबी रोगियों को मुफ्त दवाओं और निदान का प्रावधान, आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से टीबी स्क्रीनिंग और उपचार सेवाओं का एकीकरण, और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
इसके अलावा, निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगियों को पोषण सहायता प्रदान की जा रही है, और सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियानों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही, टीबी के मामलों को ट्रैक करने और इलाज के लिए निक्षय पोर्टल और निक्षय मित्र पहल का भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे टीबी उन्मूलन की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।