भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास ने भ्रूण के मस्तिष्क की सबसे विस्तृत और उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली 3D तस्वीरें जारी करने में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस अनुसंधान का नेतृत्व सुधा गोपालकृष्णन ब्रेन सेंटर द्वारा किया गया, और इसे ब्रेन मैपिंग तकनीक में एक महत्वपूर्ण प्रगति माना जा रहा है। यह सफलता भारत को वैश्विक ब्रेन मैपिंग विज्ञान में प्रमुख स्थान पर रखती है।
उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली भ्रूण मस्तिष्क की तस्वीरें वर्तमान भ्रूण इमेजिंग तकनीकों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकती हैं, और इसके संभावित लाभ विकास संबंधी विकारों जैसे कि सीखने की अक्षमता और ऑटिज़्म के पहले निदान और उपचार में हो सकते हैं। इस शोध में भ्रूण अवस्था से लेकर बचपन और किशोरावस्था तक मस्तिष्क के विकास को समझने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है, ताकि तंत्रिका संबंधी विकारों का इलाज किया जा सके।
इस शोध में पहली बार 5,132 मस्तिष्क खंडों को डिजिटल रूप से कैप्चर किया गया। यह परियोजना पश्चिमी देशों में इसी प्रकार के शोध की तुलना में काफी कम लागत में पूरी हुई। IIT मद्रास के शोधकर्ताओं ने इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रोमानिया और दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों का सहयोग लिया था, साथ ही इसमें चेन्नई स्थित मेडिसन सिस्टम्स और सविता मेडिकल कॉलेज अस्पताल का भी योगदान था।
इस शोध के निष्कर्षों को ‘जर्नल ऑफ़ कम्पेरेटिव न्यूरोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया है। ‘धरणी’ नामक यह डेटा सेट अब मानव भ्रूण मस्तिष्क का सबसे बड़ा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डिजिटल डेटासेट है और यह दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए स्वतंत्र रूप से सुलभ है।