Thursday, November 28, 2024
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तिलियार पर्यटन केंद्र पर बंदरों का उत्पात, पर्यटकों का आना हुआ कम, कई को काट चुके

गरिमा टाइम्स न्यूज. रोहतक : शहर का तिलियार पर्यटन केंद्र एक ऐसा पर्यटन केंद्र है, जहां पर हरियाणा ही नहीं अन्य प्रदेशों के पर्यटक तक यहां घूमने के लिए आते है। शनिवार और रविवार को यहां पर्यटकों का इतना जमघट हो जाता है कि अन्य पर्यटकों को एक से दो घंटे तक बोटिंग की लाइन में खड़ा होना पड़ता है। पर्यटकों के इस तरह के आनंद में बंदर जब खलल डालते है तो वह तिलियार पर्यटन केंद्र को छोड़ कर जाना ही पसंद करते है।

साढ़े पांच लाख की आबादी वाले रोहतक शहर में बाहर से आने वाले लोग पर्यटन केंद्र पर घूमने जरूर जाते है। लेकिन यहां पर 250 से ज्यादा बंदर खुले में घूमते रहते है, आने वाले पर्यटकों को परेशान करते है। उनके हाथ में होने वाले सामान को भी नहीं छोड़ते, यहीं नहीं अभी तक 20 से ज्यादा पर्यटकों को बंदरों ने काट तक लिया है। जिससे इस पर्यटन केंद्र पर पर्यटकों का आना भी कम हुआ है। यहीं नहीं बंदर पार्किंग में खड़े हुए वाहनों की सीट तक फाड़ देते है। जिसके चलते पर्यटक यहां आना दोबारा से पसंद तक नहीं करता है। पर्यटक इसकी शिकायत तक कर चुके लेकिन इसका तीन साल बाद तक भी कोई समाधान नहीं हो पाया है।

बंदरों के झुंड के आगे पर्यटक रहते हैं विवश

झील पर पर्यटक एक जगह पर बैठ जाएं तो उसी समय वहां बंदरों का झुंड आ जाता है और उनसे सामान छीनने लगता है। झुंड के आगे लोग विवश दिखाई देते हैं। इसके चलते सैर के लिए आए लोगों को वहां से मायूस होकर लौटना पड़ता है। -अनिल मलिक, पर्यटक

दिन में 10 घंटे दुकान खोली जाती है। इनमें से ढाई घंटे तो बंदरों को भगाने में ही लग जाते है। बंदर दुकान से बर्गर, गोलगप्पे व अन्य सामान को उठाकर भाग जाते है। इसके कारण छोटे बच्चे खेलने से भी डरते है। अगर कोई पर्यटक बंदरों को भगाता भी है तो बंदर उन्हें काटने के लिए दौड़ पड़ता है। -शिव यादव, दुकानदार

परिवार के साथ घूमने के लिए आया हुआ था, लेकिन बंदरों के डर से घूमने का मन नहीं कर रहा है। दुकान से चिप्स लेकर खा रहा था। इसी बीच पीछे से बंदर ने झप्ट्टा मारकर छीन लिया। बंदरों के डर के कारण दोबारा तिलयार पर नहीं आऊंगा। -विशु, पर्यटक

पर्यटकों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा

बंदरों को भगाने के लिए निगम के अफसरों से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बंदरों को भगाने के लिए लंगूर भी रखा गया था, लेकिन मिनी जू वालों ने उसे नहीं रखने दिया। बंदरों को पकड़वाने के लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे। पर्यटकों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। -संदीप मैनेजर, तिलयार पर्यटन केंद्र

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