हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के दसवें दीक्षांत समारोह का आज आयोजन हुआ। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारु दत्तात्रेय ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी भी उपस्थित रहीं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन का सबसे यादगार अवसर होता है। उन्होंने युवा शक्ति का आह्वान किया और कहा कि आने वाला समय आपका है। आप देश का वर्तमान और भविष्य है। आज के समय में राष्ट्र निर्माण के लिए पैसा नहीं बल्कि ज्ञान ही सबसे बड़ी शक्ति है। युवा नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि देने वाले बनें। उन्होंने युवाओं को स्वयं पर, अपने शिक्षकों, अभिभावकों, संस्कृति व मूल्यों पर गर्व करने पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि यह दिन शिक्षण संस्थान व उसके शिक्षकों के लिए भी आनंद का उत्सव होता है। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम भारत की मेधा को सम्मानित करते हुए उनके राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं। मुख्य अतिथि ने कहा कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय शोध व नवाचार के माध्यम से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी के परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न संस्थानों द्वारा हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय को एक श्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में नामित किया गया है। फिक्की द्वारा हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय को एमर्जिंग यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर के सम्मान से सम्मानित करने पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व उनकी टीम को बधाई व शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने कहा कि आज जिस तरह से देश भर में उच्च शिक्षण संस्थानों का विकास व प्रसार हो रहा है तथा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत वैश्विक स्तर के नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, उससे भारत की ज्ञान परम्परा को फिर से स्थापित कर भारत के गौरव को पुनः स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर उन्होंने मातृभाषा के महत्व का भी विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थी जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत है। राज्यपाल ने विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए युवा पीढ़ी से निरंतर सीखने और दूसरों को भी सीखाने का आह्वान किया। महिला शक्ति का जिक्र करते हुए राज्यपाल महोदय ने युवाओं को केंद्र में रखकर नीतियां, पाठ्यक्रम व भविष्य की योजनाएं बनाने पर जोर देते हुए कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवा शक्ति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद व विश्वविद्यालय की कोर्ट के सदस्य, विभिन्न शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार व जिला प्रशासन की ओर से जिला उपायुक्त डॉ. विवेक भारती व पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।
46 को मिले स्वर्ण पदक व 1338 विद्यार्थियों को मिली उपाधियां
हकेवि के दसवें दीक्षांत समारोह में कुल 1338 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पीएच.डी., एम.फिल, स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्रदान की गई। साथ 46 विद्यार्थियों को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया।