Wednesday, October 30, 2024
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मुंहखुर एवं गलघोटू जैसी बीमारियों से पशुओं को बचाने के लिए चलेगा टीकाकरण अभियान

पलवल। लोक निर्माण विभाग पलवल के विश्राम गृह में उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने पशुपालन विभाग पलवल के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। बैठक में पशुपालन विभाग पलवल के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र सिंह सहरावत, उपमंडल अधिकारी डा. लालचंद और जिला के सभी पशु चिकित्सक मौजूद रहे। बैठक में उन्होंने विभाग के कार्यों की समीक्षा की और पशुओं में होने वाली बीमारियों जैसे मुंहखुर एवं गलघोटू के बचाव के लिए संयुक्त रूप से टीकाकरण करने और 21वीं पशुगणना 2024 का शुभारंभ करते हुए पशु पालकों को इस कार्य में पूरा सहयोग करने की अपील भी की।

उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने इसके साथ-साथ पशुचिकित्सकों को हिदायतें देते हुए कहा कि वे पराली के जलने से वातावरण व जमीन उर्वरता पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरुक करते हुए पराली प्रबंधन के बारे में शिक्षित करें। उन्होंने पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग द्वारा पशुपालकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का अवलोकन किया तथा सभी पशु चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे सभी अपने कार्य क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं के बारे में पशुपालकों को जागरूक करें, जिससे पशुपालकों की आमदनी को बढ़ाए जा सके।
पशुपालन विभाग पलवल के उपनिदेशक डा. वीरेंद्र सहरावत ने उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठï को अवगत करवाते हुए कहा कि पशुओं को मुंहखुर और गलघोटू जैसी बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग पलवल ने 27 टीमों का गठन किया है, जो  पशुपालकों के घर-द्वार पर जाकर मुफ्त टीकाकरण करेगी। इसमें पलवल जिला के लगभग 2 लाख पशुओं (गाय व भैंस) का मुफ्त टीकाकरण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से इस अभियान को नवंबर माह के अंत तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान में जिन पशुओं की टैगिंग नहीं हुई है, उनकी टैगिंग करके भारत पशुधन मोबाइल ऐप्लिकेशन पर ऑनलाइन रजिस्टर भी किया जाएगा। पशुगणना के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पशुगणना प्रत्येक 5 साल बाद करवाई जाती है, जिसका आरंभ किया जा चुका है, इसमें गाय, भैंस, भेंड़, बकरी, ऊंट, गधा, घोड़ा व पोल्ट्री आदि के साथ-साथ बेसहारा गायों और कुत्तों की गणना ऑनलाइन मोबाइल ऐप्लिकेशन के माध्यम से घर-घर जाकर की जाएगी।

उपनिदेशक डा. वीरेंद्र सहरावत ने जिला के पशु पालकों से आह्वान किया है कि जब भी पशुगणना करने के लिए पशुपालन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उनके घर आए तो वे उन्हें अपने सभी पशुओं तथा उनसे संबंधित अन्य जानकारियां जो पशुगणना प्रारूप में दी गई हैं, मोबाइल नंबर सहित प्रदान करें, ताकि पशुगणना के संदर्भ में सही आंकड़ा सरकार तक पंहुचाया जा सके और सरकार अत्याधिक लाभदायक योजनाएं बनाकर पशुपालकों को लाभ पहुंचा सके, क्योंकि पशुगणना के आधार पर ही पशुओं तथा पशुपालकों के लिए विभिन्न प्रकार की लाभदायक योजनाओं का प्रारूप तैयार किया जाता है।

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