पराली जलाने से रोकने में विफल रहे 397 नोडल अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पूछा गया है कि सूचना मिलने के बावजूद खेतों में लगी आग को बुझाने के लिए समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।
तरनतारन में 130 और अमृतसर में 98 अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के चेयरमैन आदर्श पॉल विग ने कहा कि नोटिस जारी किए गए हैं। उनके जवाब मिलने के बाद संबंधित जिलों के उपायुक्त देखेंगे कि इन मामलों में आगे क्या कार्रवाई की गयी है।
उन्होंने कहा कि इस बार पंजाब में कृषि विभाग, राजस्व, स्कूल शिक्षा, बिजली कार्य सहित विभिन्न विभागों के लगभग 9000 कर्मचारी पराली जलाने से रोकने में लगे हुए हैं। जिसके चलते पिछले साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने के मामलों में कमी आई है।
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सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद किसानों पर कार्रवाई जारी है। शनिवार को पराली जलाने के 9 नए मामले सामने आए, जबकि 13 किसानों को रेड एंट्री मिली। इसके अलावा 13 किसानों पर एफआईआर। पंजीकृत किया गया था
शनिवार को प्रदेश में पराली जलाने के पांच मामले सामने आए हैं। अब तक राज्य में पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 799 हो गई है, जबकि मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 432 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी है।