Farmers News : हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने आगामी रबी सीजन 2024-25 के लिए गेहूं के प्रमाणित बीजों की बिक्री दरों की घोषणा की है। कृषि विभाग के निदेशक द्वारा जारी निर्देशों के तहत, राज्य सरकार ने किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज किफायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी योजना लागू की है।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि आगामी सीजन में फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके और कृषि परिणाम बेहतर हों। उन्होंने कहा कि नायब सरकार का यह निर्णय न केवल किसानों को रियायती दरों पर अच्छे गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराएगा, बल्कि उनकी पैदावार बढ़ाकर उनकी आय में भी वृद्धि करेगा।
विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सभी प्रकार के गेहूं की सामान्य बिक्री दर–C-306 किस्म और अधिसूचना के 10 वर्ष से अधिक पुरानी किस्मों को छोड़कर–3875 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। हालांकि, किसानों को राहत देने के लिए सरकार 1000 रुपए प्रति क्विंटल की सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे बीज की प्रभावी दर घटकर 2875 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगी।
प्रमाणित गेहूं के बीज 40 किलोग्राम के प्री-पैक बैग में सब्सिडी वाली दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि किसान रबी सीजन के लिए आसानी से उच्च गुणवत्ता वाले बीज खरीद सकें। यह सब्सिडी केवल हरियाणा के किसानों को ही दी जाएगी और किसी सरकारी एजेंसी, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), या योजनाओं के तहत प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल किए गए बीजों पर लागू नहीं होगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रमोशनल गतिविधियों या अन्य सरकारी कार्यक्रमों में उपयोग किए जाने वाले बीजों पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी।
विभाग ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं कि बिक्री केंद्रों पर सभी लेन-देन को सावधानीपूर्वक बिक्री रजिस्टर में दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके। साथ ही, अधिकारियों को इन निर्देशों से संबंधित सभी कर्मचारियों को तुरंत अवगत कराने को कहा गया है, ताकि वितरण प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और राज्य योजना–सतत कृषि को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक पहल के तहत प्रति क्विंटल 1000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल फसल उत्पादन में वृद्धि करना है, बल्कि किसानों को सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी है, जिससे उन्हें किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो सकें।